उत्तर नारी डेस्क
बीते मंगलवार को श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार में छात्रों ने हिमालय रक्षा की प्रतिज्ञा ली। हिमालय विश्व की जलवायु एवं पर्यावरण का मूल आधार है। यदि समय रहते हिमालय के अस्तित्व की रक्षा नहीं की गई तो प्राणी मात्र का जीवन विनष्ट होने की स्थिति में आ जायेगा। संस्कृत साहित्य में हिमालय का विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है। जिसमें हिमालय को जीवन का आधार बताया है। कालिदास ने कुमारसम्भव में हिमालय को पृथिवी की तराजू के समान बताया है। इससे स्पष्ट है कि यदि हिमालय के अस्तित्व पर संकट आता है तो निश्चित ही समग्र विश्व का सन्तुलन अस्त-व्यस्त हो जायेगा। हिमालय की सुरक्षा होने पर ही जल एवं शुद्ध वायु हमें प्राप्त होगी। हिमालय रक्षा प्रतिज्ञा के कार्यक्रम के अवसर पर 60 छात्र एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक/कर्मचारियों ने भी प्रतिभाग किया।
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