उत्तर नारी डेस्क
हल्द्वानी : आफत की वर्षा पर मंगलवार को पांचवें दिन अंकुश लग गया। दिनभर आंशिक बादलों के बीच धूप खिली रही। हालांकि शाम के समय कुछ जगह हल्की वर्षा हुई। भारी वर्षा का दौर थमने से जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है।
पर्वतीय क्षेत्रों में बुधवार को अनेक जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा या गरज के साथ बौछार पड़ सकती है। बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों में साढ़े तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का से मध्यम हिमपात होने की संभावना जताई है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के अनुकूल बनने लगी है। 13 से 15 अक्टूबर के बीच मानसून किसी भी समय उत्तराखंड से वापसी कर सकता है। मानसून की रेखा तीन अक्टूबर से उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम आदि स्थानों पर अटकी हुई है।
बनबसा में हुई 165 मिमी वर्षा
कुमाऊं मंडल में मंगलवार को बनबसा में सर्वाधिक 165 मिमी वर्षा हुई। द्वाराहाट में 20 मिमी, अल्मोड़ा में 13 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई। देवीधुरा, जैंती, गणाईगंगोली, बेरीनाग, थल में एक से दो मिमी वर्षा हुई।
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है। अब आगे भारी वर्षा की संभावना नहीं है। तीन से चार दिन में मानसून की विदाई का ऐलान हो सकता है।
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