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तीसरी संतान होने के कारण दो प्रधान और एक BDC मेंबर हुए अपात्र, होंगे फिर से चुनाव

उत्तर नारी डेस्क 


उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव लड़ने वाले किसी भी प्रत्याशी के लिए दो बच्चों की बाध्यता है। अगर तीसरा बच्चा हुआ तो उसे अयोग्य माना जाता है। जिस वजह से अल्मोड़ा जिले में दो प्रधान और एक बीडीसी सदस्य को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। इन सभी सीटों पर अब उपचुनाव हो रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में साल 2019 में नए नियम लागू किये गए थे। जिसके तहत पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के लिए 2 बच्चों की बाध्यता है। इससे ज्यादा संतान होने पर प्रतिनिधि को अपात्र घोषित कर दिया जाता है। वहीं, अब प्रदेश में ऐसे में पिछले महीने शासन ने ऐसे सीटों की सूची मांगी थी, जहां प्रतिनिधियों के 2 से ज्यादा संताने हैं। उन्होंने 12 अगस्त 2022 को अपना त्यागपत्र दिया। इसके अलावा स्याल्दे ब्लॉक के लालनगरी में निर्वाचित प्रधान और लमगड़ा ब्लॉक के डोल में BDC सदस्य बने व्यक्ति की तीसरी संतान होने पर उन्हें भी त्यागपत्र देना पड़ा।

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