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कोटद्वार : श्री सिद्धबली वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव 2022 का हुआ सफल आयोजन

उत्तर नारी डेस्क 


उत्तराखण्ड के कोटद्वार में तीन दिवसीय श्री सिद्धबली वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव 2022 बड़े हर्षोल्लाष के साथ मनाया गया। 

जहां प्रथम दिन श्री सिद्धबली धाम में ब्रह्ममुहूर्त में 12 वेदपाठियों व श्रद्धालुओं के बीच वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा शुरू हुई। इसके बाद मंदिर परिक्रमा व ध्वज पूजा के साथ पूरे विधिविधान से महोत्सव के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया। 11 कन्याओं व 11 सुहागवती महिलाओं ने खोह नदी से जल लेकर यज्ञस्थल तक ढोल, दमाऊं की थाप व मशकबीन की धुन पर कलश यात्रा निकाली, इसके बाद जल से मंदिर में पिंडी पूजन और श्री सिद्धबाबा का महाभिषेक किया गया। इसके उपरांत पूरे विधिविधान से हवन स्थल पर कलश की स्थापना की गई। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाभिषेक में शामिल होकर श्री सिद्ध बाबा का आशीर्वाद लिया। 

कलश स्थापना के बाद बड़ी संख्या में मंदिर समिति के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने श्री सिद्धबली के झंडे, त्रिशूल और गदा के साथ मंदिर की परिक्रमा की, इसके बाद मंदिर समिति के सदस्यों और श्रद्धालुओं ने सिद्धों के डांडा यानि सिद्ध बाबा की पहाड़ियों में ढोल दमाऊं और बाबा के झंडे व त्रिशूल के साथ जाकर 'सिद्धों का डांडा' में सिद्ध बाबा के जयकारे लगाते हुए पूजन कर श्री सिद्ध बाबा की ध्वज पताका फहराई। 

कहा जाता है कि श्री सिद्ध बाबा यहीं सिद्धों के डांडा की पहाड़ियों में प्रकट हुए थे। इसलिए सिद्धों के डांडा में जाकर श्री सिद्ध बाबा की शक्तियों को जाग्रत किया जाता है। 

फिर शाम 4 बजे से ढोल-दमाऊं, मशकबीन के साथ कोटद्वार नगर में श्री सिद्ध बाबा का डोला प्रारंभ किया गया। पूरे कोटद्वार शहर में बाबा हनुमान की विभिन्न प्रकार की झांकी व शोभायात्रा निकाली गयी। 


वहीं श्री सिद्धबली बाबा वार्षिक अनुष्ठान 2022 के द्वितीय दिन पुनः ब्रह्ममुहूर्त में वैदिक मंत्रोचारणों के बीच पिंडी महाभिषेक का कार्यक्रम शुरू हुआ और प्रातः 7 बजे से एकादशीय कुंडिया यज्ञ आयोजित हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया। इस दिन मुख्य अतिथि के रूप में श्री राज राजेश्वर महाराज और महामंडलेश्वर श्री ललितानंद जी रहे। वहीं गढ़वाली भजन संध्या में सुप्रसिद्ध लोकगायक दर्शन फरस्वाण व लोक गायिका दीपा नागरकोटी के लोकगीत व् भजनों का श्रद्धालुओं ने नृत्य कर जमकर आनंद लिया। 


तृतीय दिन की शुरुआत पुनः दो दिनों की भांति ही पिंडी महाभिषेक के साथ हुई। वहीं श्री सिद्ध बाबा मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय श्री सिद्ध बली वार्षिक अनुष्ठान 2022 के समापन अवसर पर एकादश कुंडीय यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ श्री सिद्धबाबा के जागर लगाए गए। जागरों के कार्यक्रम के दौरान कई पुरुष व महिलाओ में नृत्‍य करते देवता के भाव नजर आये। 

श्री सिद्धबाबा के जागर संपन्न होने के बाद सवामन रोट का भोग लगाया गया व बाद में इस रोट को प्रसाद के रूप में सभी श्रद्धालुओं को वितरित किया गया। इसके साथ ही मुख्या अतिथि के रूप में पतंजलि योगपीठ के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण रहे। श्री सिद्धबली वार्षिक अनुष्ठान 2022 के अंतिम दिन आयोजित हिंदी भजन संध्या में भजनों की प्रस्तुति भजन गायक कैलाश-पीयूषा अनुज ने दी। 


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