उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में रिश्वत के मामले इतने बढ़ते जा रहे है कि, कम होने का नाम ले नहीं रही है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए सख्त रवैया अपनाया हुए विशेष तौर पर प्रदेश के प्रशासनिक अफसरों को रिश्वत और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कड़े आदेश भी जारी किये। इसके बावजूद भी अधिकारी बाज नहीं आ रहे है और मुख्यमंत्री धामी के आदेश की भी परवाह नहीं करते हुए रिश्वत ले। पिछले कुछ महीनों में कई अधिकारियों को रिश्वत लेते विजिलेंस की टीम ने धर दबोचा था। अब बीते दिन रुड़की मंडी समिति के निरीक्षक को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ धर दबोचा है। इसके बाद मंडी परिसर में खलबली मच गई।
बताया जा रहा है कि समिति निरीक्षक मंडी में माल सप्लाई के लिए लाइसेंस रिन्यूअल करने के एवज में रिश्वत मांग रहा था। ऐसे में, 29 नवंबर को हेल्पलाइन नंबर 1064 पर रुड़की मंडी के एक लकड़ी व्यापारी ने इसकी शिकायत कर दी थी। जिसमें उन्होंने बताया कि वह अपनी आरा मशीन और लकड़ी के थोक व्यापार का लाइसेंस अपने बेटे के नाम ट्रांसफर करवाना चाहता है। इसके लिए वह मंडी निरीक्षक रुड़की शिवमूर्ति सिंह के पास गया था। आरोप है कि मंडी निरीक्षक ने इसकी एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत नहीं देने पर लाइसेंस ट्रांसफर करने से इन्कार कर दिया था। इस शिकायत पर विजिलेंस ने गोपनीयता से जांच कराई तो सही पाई गई। जिसके बाद विजिलेंस ने टीम गठित कर मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। गुरुवार को जैसे ही व्यापारी शिवमूर्ति के पास गया तो उसने 30 हजार में काम करने की बात कही। व्यापारी ने रिश्वत की रकम शिवमूर्ति को दी तो मौके पर विजिलेंस ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने मंडी समिति कार्यालय में निरीक्षक से घंटों पूछताछ की। साथ ही हरिद्वार स्थित घर में छापा मारकर कई दस्तावेज बरामद किए। इसके बाद टीम निरीक्षक को लेकर देहरादून के लिए रवाना हो गई। साथ ही विजिलेंस ने निरीक्षक के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
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