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जानें गायत्री मंत्र जाप की सही विधि, समय, लाभ और सावधानियां

उत्तर नारी डेस्क 

गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में एक मंत्र है। इस मंत्र में इतनी ऊर्जा है कि नियमित रूप से तीन बार इस महामंत्र का जप करने से सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। गायत्री मंत्र का जाप दिन में तीन बार करना चाहिए। इस मंत्र के जप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी स्मरण की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता मिलता है।

गायत्री मंत्र - 'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।' 


गायत्री मंत्र जाप करने का सही समय-

इस महामंत्र का जाप दिन में तीन बार करना चाहिए। पहला जाप सूरज निकलने से पहले।  गायत्री जाप करने का दूसरा समय दोपहर का होता है। शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले गायत्री मंत्र का तीसरा जाप करना चाहिए। जो भी व्यक्ति प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करता है उस व्यक्ति का स्वभाव शांत और आकर्षक होने लगता है।


गायत्री मंत्र जप करते हुए रखें ये सावधानी-

- गायत्री मंत्र का जाप रात के समय नहीं करना चाहिए। रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं माना गया है।

- इस महामंत्र को धैर्य के साथ ध्यान लगाकर ही पढ़ना चाहिए।

- आसान पर बैठकर ही गायत्री मंत्र का जप लाभकारी होता है। 

- गायत्री मंत्र के जप में तुलसी और चंदन की माला या रुद्राक्ष की माला का भी प्रयोग किया जा सकता है।

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