Uttarnari header

uttarnari

दैनिक जीवन की समस्या में छाया दान का उपाय

पंडित राजेन्द्र प्रसाद बेबनी

अक्सर ऐसा होता है कि व्यक्ति का बीता हुआ काल अर्थात भूत काल अगर दर्दनाक रहा हो या निम्नतर रहा हो तो वह व्यक्ति के आने वाले भविष्य को भी खराब करता है और भविष्य बिगाड़ देता है। यदि आपका बीता हुआ कल आपका आज भी बिगाड़ रहा हो और बीता हुआ कल यदि ठीक न हो तो निश्चित तौर पर यह आपके आनेवाले कल को भी बिगाड़ देगा। इससे बचने के लिए छाया दान करना चाहिये। जीवन में जब तरह तरह कि समस्या आपका भूतकाल बन गया हो तो छाया दान से मुक्ति मिलती है और आराम मिलता है। नीचे हम सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन की विभिन्न समस्या अनुसार छाया दान के विषय में बता रहे है।


1. बीते हुए समय में पति पत्नी में भयंकर अनबन चल रही हो-

अगर बीते समय में पति पत्नी के सम्बन्ध मधुर न रहे हो और उसके चलते आज वर्त्तमान समय में भी वो परछाई कि तरह आप का पीछा कर रहे हो तो ऐसे समय में आप छाया दान करे और छाया दान आप बृहस्पत्ति वार के दिन कांसे कि कटोरी में घी भर कर पति पत्नी अपना मुख देख कर कटोरी समेत मंदिर में दान दे आये, इससे आपको खटास भरे भूत काल से मुक्ति मिलेगी और भविष्य मृदु और सुखमय रहेगा। यह प्रक्रिया कम से कम 3 बार (हफ्ते) दोहराए।


2. बीते हुए समय में भयावह दुर्घटना या एक्सीडेंट हुआ हो-

अगर बीते समय में कोई भयंकर दुर्घटना हुई हो और उस खौफ से आप समय बीतने के बाद भी नहीं उबर पाये है। मन में हमेशा एक डर  बना रहता है। आप कही भी जाते है तो आप के मन में उस दुर्घटना का भय बना रहता है तो आप छाया दान करे। आप एक मिट्टी के बर्तन में सरसों का तेल भर कर शनिवार के दिन अपनी छाया देख कर दान करे। इससे आप को लाभ होगा बीती हुई दर्दनाक स्मृति से छुटकारा मिलेगा। और भविष्य सुरक्षित रहेगा। यह प्रक्रिया कम से कम 2 बार (हफ्ते) दोहराए।


3. बीते समय में व्यापार में हुए घाटे से आज भी डर लगता हो-

कई बार ऐसा होता है कि बीते समय में व्यापारिक घाटा या बहुत बड़े नुकसान से आप बहुत मुश्किल से उबरे हो और आज स्थिति ठीक होने के बावजूद भी आप को यह डर सता रहा है कि दुबारा वैसा ही न हो जाये, तो इससे बचने के लिए आप बुधवार के दिन एक पीतल की कटोरी में घी भर कर उसमे अपनी छाया देख कर छाया पात्र समेत आप किसी ब्राह्मण को दान दे। इससे दुबारा कभी भी आप को व्यापार में घाटा नहीं होगा। और भविष्य में व्यापार भी फलता फूलता रहेगा। यह प्रक्रिया कम से कम 3 बार (हफ्ते) दोहराए।


4. भूतकाल की कोई बड़ी बीमारी आज भी परछाई बन कर डरा रही हो-

बीते समय में कई बार कोई लम्बी बीमारी के कारण व्यक्ति मानसिक तौर पर कमजोर हो जाता है। और व्यक्ति ठीक होने के बावजूद भी मानसिक तौर पर अपने भूत काल में ही घिरा रहता है और उससे उबर नहीं पाता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को शनिवार के दिन एक लोहे के पात्र में तिल का तेल भर कर अपनी मुख छाया देखकर उसका दान करे। इससे आपको इस स्मृति से मुक्ति मिलेगी और भविष्य में बीमार नहीं होंगे और स्वस्थ्य रहेंगे। यह प्रक्रिया कम से कम 5 बार (हफ्ते) दोहराए।


5. लम्बे समय के बाद नौकरी मिली है लेकिन भूतकाल का डर कि फिर बेरोजगार न हो जाये-

बहुत लम्बे समय की बेरोजगारी के बाद नौकरी मिलती है लेकिन मन में सदैव एक भय सताता है कि दोबारा नौकरी न चली जाये और ये सोच एक प्रेत कि तरह आपका पीछा करती है तो ऐसे स्थिति में आप सोमवार के दिन ताम्बे की एक कटोरी में शहद भर कर अपनी छाया देख कर दान करें, इससे आप को लाभ मिलेगा। इस छाया दान से  उन्नति बनी रहती है रोजगार बना रहता है। यह प्रक्रिया कम से कम 7 बार (हफ्ते) दोहराए।


6. कुछ ऐसा काम कर चुके है जो गोपनीय है लेकिन उसके पश्चाताप से उबर नहीं पाये है-

कई बार जीवन में ऐसी गलती आदमी कर देता है कि जो किसी को बता नहीं पता लेकिन मन ही मन हर पल घुटता रहता है और भविष्य में भी इस गलती से उबर नहीं पाता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पीतल कि कटोरी में बादाम का तेल भरकर उसमे अपना मुख देख कर शुक्रवार के दिन छाया दान करना चाहिए।  इससे पश्चाताप कि अग्नि से मुक्ति मिलती है, और की हुई गलती के दोष से मुक्ति मिलती है। यह प्रक्रिया कम से कम 11 बार (हफ्ते) दोहराए।


7. पहली शादी टूट गयी दूसरी शादी करने जा रहे है लेकिन मन में इसके भी टूटने का डर है-

संयोग वश या किसी दुर्घटनावश व्यक्ति की पहली शादी टूट गयी है और दूसरी शादी करने जा रहे है और मन में भय है कि जैसे पहले हुआ था वैसे दुबारा न हो जाये तो इसके लिए व्यक्ति को स्त्री हो या पुरुष उसको रविवार के दिन ताम्बे के पात्र में घी भरकर उसमे अपना मुख देख कर छाया दान करे। इससे भूत काल में हुई घटना या दुर्घटना का भय नहीं रहेगा। और भविष्य सुखमय रहेगा। यह प्रक्रिया कम से कम एक हफ्ते में 5 बार दोहराए।

कुंडली से सम्बन्धित अन्य समस्याओं और उनके निराकरण हेतु संपर्क करें - पंडित राजेंद्र प्रसाद बेबनी 

मोबाइल नंबर - 91 7895306243

यह भी पढ़ें - मकर संक्रांति 15 जनवरी को, जानें महापुण्य काल का समय


Comments