उत्तर नारी डेस्क
सामान्य तौर पर जब हम सांस लेते हैं तो शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी बनता है। इस प्रक्रिया में बना पानी जलवाष्प के रूप में हमारे फेफड़ों की वाष्पीकरण की प्रक्रिया के बाद मुंह या नाक के जरिये शरीर से बाहर निकलता है। हमारे शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है। कड़ाके की ठंड में जब हम सांस छोड़ते हैं तो इसके साथ शरीर का पानी भी बाहर निकलता है। जब यह पानी वातावरण की ठंडी हवा से मिलता है तो इसका वाष्पीकरण शुरू हो जाता है। यह जलवाष्प बाहर की ठंडी हवा से मिलने पर इकट्ठी होकर पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाती है। इसी वजह से हमारे मुंह और नाक से सर्दियों में भाप निकलती है।
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