उत्तर नारी डेस्क
मुख्यमंत्री ने लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक गागर में सागर भरने का कार्य कर रही है। साइबर क्राइम आज के समय की बड़ी चुनौती है और प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस चुनौती के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना इस पुस्तक की प्रासंगिकता को बढ़ा देता है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस साइबर क्राइम से निपटने में बहुत अच्छा काम कर रही है और देश के कोने कोने से साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। यह पुस्तक साइबर क्राइम से संबंधित जागरूकता संदेश को जन-जन तक पहुंचाएगी।
“साइबर एनकाउंटर्स” के बारे में बताते हुए डीजीपी ने कहा कि तेजी से बदलती टेक्नॉलाजी के कारण पूरा जीवन आनलाइन हो गया है। लेकिन साथ ही साइबर अपराध के खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। अपराधी सैकड़ों मील दूर बैठा होता है और कई बार उस तक पहुंचना मुश्किल होता है। जिस तेजी से साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है, उनसे निपटना पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती है। साइबर क्राइम से आम जनता को जागरुक करने के मकसद से “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक लिखने का विचार उनके मन में आया। साइबर अपराधी कैसे ऑपरेट करते हैं और लोग उनके जाल में कैसे फंसते हैं, इन बातों को पुस्तक के जरिए सरल भाषा और दिलचस्प अंदाज में समझाने का प्रयास किया गया है। “साइबर एनकाउंटर्स” पुस्तक साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथकंडों से आम जनता को जागरुक कराने में मददगार हो सकती है। इसमें साइबर क्राइम से जुड़े 12 आपराधिक मामलों के एनकाउंटर की कहानी के माध्यम से बचाव के टिप्स दिए गये हैं।
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