उत्तर नारी डेस्क
पहाड़ के बच्चे अपनी काबिलियत से देश और विदेश में अपनी पहचान स्थापित कर रहे है। उन्हें बस एक मौका चाहिए और उसके बाद तो वह कुछ ऐसा कर दिखाते है जिससे देवभूमि उत्तराखण्ड का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। इसी क्रम में राज्य की बेटियों ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में बेहतर रैंक पाकर अपनी काबिलियत का डंका बजाया है। देवभूमि की इन बेटियों के घरों में खुशी का माहौल है साथ ही माता-पिता गर्व की अनुभूति कर रहे हैं।
बता दें, रुद्रपुर की ईश्वर कॉलोनी निवासी गरिमा नरुला ने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में 39वीं रैंक हासिल की। इनके पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक हैं व माता शारदा नरूला गृहणी हैं। गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की बोर्ड की परिक्षा में जनपद उधम सिंह नगर टॉप किया था।
सिविल सेवा परीक्षा में राज्य के युवाओं की भागीदारी इस साल भी अच्छी रही। परीक्षा में बागेश्वर जिले के गरुड़ की रहने वाली कल्पना पांडे ने 102वां स्थान प्राप्त किया है। कल्पना की इस उपलब्धि से पूरे प्रदेश में खुशी का माहौल है। कल्पना गरुड़ के खडेरिया गांव की रहने वाली हैं। कल्पना के पिता दुकान चलाते हैं और उनकी मां बैजनाथ में एएनएम है। कल्पना की प्रारंभिक पढ़ाई बागेश्वर के निजी विद्यालय से हुई है। आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली से की। कल्पना की कामयाबी से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।
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