उत्तर नारी डेस्क
बेटियां किसी से कम नहीं होती हैं। आज के समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। खासतौर पर सैन्य क्षेत्रों में वीरभूमि उत्तराखण्ड की बेटियों की हिस्सेदारी वाकई काबिले तारीफ है। अच्छा लगता है जब बेटियां आगे बढ़कर अपने परिवार सहित प्रदेश और देश का नाम रोशन करती है। यूँ तो पर्वतीय जिलो में आज भी संसाधनों की कमी है लेकिन इसके बाद भी अगर कोई बड़े सपने को पूरा करता है तो वह नई पीढ़ी के लिए मिसाल बन जाता है। अब पहाड़ की एक और बेटी का नाम इसी क्रम में जुट गया है। नैनीताल जिले की रहने वाली अपूर्वा शाह भारतीय सेना में जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) बन गई है। अपूर्वा शाह की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में जश्न का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
बता दें, शनिवार को आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में कमीशन प्राप्त करने के बाद अपूर्वा शाह भारतीय सेना में जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) बन गई है। सबसे खास बात ये रही कि उनके माता-पिता ने ही उनके कंधों में सितारे सजाकर उसे सेना को समर्पित किया। अपूर्वा शाह के पिता अखिलेश शाह नैनीताल न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता है, वहीं उनकी मां संगीता शाह एक कुशल गृहिणी हैं। वहीं, अपूर्वा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सेंट मैरी कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की है। साथ ही इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत देहरादून से एलएलबी जबकि पूना से एलएलएम किया है। अपूर्वा ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को दिया है।
गौर हो कि, अपूर्वा जहां जज एडवोकेट जनरल बनने वाली उत्तराखण्ड की दूसरी महिला है वहीं बीते वर्ष आयोजित हुई जज एडवोकेट जनरल की परीक्षा में समूचे देश में पहला स्थान हासिल कर अपूर्वा ने समूचे उत्तराखण्ड को गौरवान्वित होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया था।उत्तर नारी की पूरी टीम की और से रीतिका नेगी को ढेर सारी शुभकामनाएं।
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