उत्तर नारी डेस्क
बेटियां किसी से कम नहीं होती हैं। आज के समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। खासतौर पर सैन्य क्षेत्रों में वीरभूमि उत्तराखण्ड की बेटियों की हिस्सेदारी वाकई काबिले तारीफ है। अच्छा लगता है जब बेटियां आगे बढ़कर अपने परिवार सहित प्रदेश और देश का नाम रोशन करती है। यूँ तो पर्वतीय जिलो में आज भी संसाधनों की कमी है लेकिन इसके बाद भी अगर कोई बड़े सपने को पूरा करता है तो वह नई पीढ़ी के लिए मिसाल बन जाता है। अब पहाड़ की एक और बेटी का नाम इसी क्रम में जुट गया है। बागेश्वर जिले के दूरस्थ गांव खुल्दोड़ी की सुमन खेतवाल महाराष्ट्र न्यायिक प्रणाली में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एवं सिविल जज (जूनियर डिवीजन) बन गई है। सुमन खेतवाल की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में जश्न का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। वहीं, बृहस्पतिवार को जज बनने के बाद सुमन गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया।
बता दें, सुमन ने प्राइमरी स्तर की पढ़ाई गांव के विद्यालय से की। कक्षा छह और सात की शिक्षा ऐठाण से प्राप्त करने के बाद कक्षा आठ से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा राबाइंका बागेश्वर से हासिल की। इंटर करने के बाद वह आगे की शिक्षा के लिए महाराष्ट्र चली गईं। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और बतौर अधिवक्ता पुणे की जिला कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगीं। वर्ष 2019 में उन्होंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की प्री परीक्षा दी। पहली बार में सफलता नहीं मिलने पर वर्ष 2020 में फिर से प्रयास किया। इस बार प्री तो निकाला लेकिन कोविड के चलते 2022 में घोषित मेन्स के परिणाम में वह असफल रहीं। हालांकि यह साल उनके लिए काफी बड़ी उपलब्धि लेकर आया और उन्होंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की प्री, मेन्स परीक्षा पास करते हुए इंटरव्यू भी क्लीयर कर लिया। जून में उन्हें महाराष्ट्र राज्य में ही बतौर जज नियुक्ति मिल जाएगी। वहीं, सुमन ने अपनी सफलता का श्रेय माता दीपा देवी और पिता गुमान सिंह खेतवाल को दिया हैं। मां को वह अपनी प्रेरणा मानती हैं।
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