उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के हिमालयी इलाकों और खासकर जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसका मुख्य कारण संरक्षित क्षेत्र का अभाव, मानव आबादी की तरफ गुलदार का बढ़ना और आधुनिक युग में लगातार बढ़ रहे शहरीकरण है। यही कारण है कि आये दिन वन्यजीव संघर्ष में जानवरों के मृत्यु की खबरे भी लगतार सामने आती रहती है। इसी क्रम में अब ख़बर राजाजी टाइगर रिजर्व से सामने आयी है। जहां एक बाघ ने वयस्क मादा गुलदार और उसके शावक को मार डाला है। दोनों के शव चिल्लावाली रेंज की लालूखाला बीट में पड़े मिले है। इस घटना के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं, गुलदार का एक शावक लापता बताया जा रहा है।
बता दें, राजाजी टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत बडोला ने बताया कि बीते शनिवार को लालूखाला बीट के कर्मचारी गश्त पर थे। उन्होंने वहां पर एक वयस्क मादा गुलदार और उसके शावक (नर) का शव पड़ा देखा। इसके बाद मौके पर वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और पशु चिकित्सा अधिकारियों को बुलाया गया। दोनों के शवों की जांच की गई। पता चला कि इनके अंग सुरक्षित हैं। इनके आसपास के स्थान को देखा तो पता चला कि यहां बाघ के पंजों के निशान हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों का किसी शिकारी ने शिकार नहीं किया, बल्कि बाघ ने संघर्ष में मारा है। दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद नियमानुसार जलाया गया। आशंका जताई जा रही है कि यह शावक इस संघर्ष में अपनी जान बचाकर जंगल में छिप गया है। जिस की खोज में राजाजी और वन विभाग की टीमें जुट गई हैं।