उत्तर नारी डेस्क
बता दें, पहला मंदिर हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर और दूसरा पौड़ी जिले में स्थित नीलकंठ महादेव का मंदिर है। वहीं तीसरा मंदिर देहरादून में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर है। महानिर्वाणी अखाड़े की तरफ से महिलाओं और युवतियों से अपील की गई है कि अगर वो मंदिर पूजा पाठ के लिए आ रही हैं, तो भारतीय सभ्यता के अनुसार कपड़े पहन कर आएं। जिनमें कम से कम 80 फीसदी उनका शरीर ढका हुआ रहे। तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा। उनका कहना है कि आने वाले कांवड़ मेला में किसी तरह का कोई विवाद न हो या आने वाले श्रद्धालु में किसी तरह की कोई गलत विचार न आए इसलिए इस तरह का आदेश जारी किया गया है।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में तो यह व्यवस्था पहले से ही लागू है। अब उत्तराखण्ड के मंदिरों में भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है। ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े।
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