उत्तर नारी डेस्क
बारिश आते ही नमी वाली जगहों पर मशरूम उगने शुरू हो जाते हैं। इस सब्जी को ग्रामीण से लेकर शहरी इलाके तक खाने में काफी पसंद किया जाता है। लेकिन कभी-कभी इस मशरूम की जंगली प्रजाति यानी कुकुरमत्ता कहीं भी आसानी से उग जाती है। जिसे खाने से तबीयत खराब हो जाती है। कई बार ग्रामीण इस तरह के मशरूम को खाने की वजह से बीमार पड़ जाते हैं। अब इसी क्रम में अब ख़बर टिहरी जिले के सिलोड़ गांव से ख़बर सामने आयी है।
जहां जंगली मशरूम खाने से एक महिला सहित 8 मजदूरों की तबीयत बिगड़ गयी है। जिन्हे ऐहतियात के तौर पर इलाज के लिए सीएचसी पिलखी में भर्ती कराया गया है।
जानकारी अनुसार, टिहरी जिले के तहसील देवप्रयाग ब्लॉक के सिलोड़ गांव में मजदूरों ने बीती रात को जंगली मशरूम खा लिये। जिसको खाने के बाद सभी को उल्टी दस्त शुरू हो गए और वह बेसुध हो गए। उनकी इस स्थिति को देखकर अन्य मजदूरों ने इसकी सूचना गांव के पूर्व प्रधान को दी। सूचना मिलने के बाद पूर्व प्रधान ने तत्काल कांडीखाल स्थित निजी क्लिनिक से डॉक्टर को बुलाकर मजदूरों का उपचार शुरू करवाया, लेकिन आज फिर से उन्हें उल्टी दस्त शुरू हो गए और उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद एंबुलेंस बुलाकर सभी को सीएचसी पिलखी में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि ये मजदूर देवप्रयाग ब्लॉक के सिलोड़ गांव में बगवान हिंडोलाखाल पंपिंग योजना में काम कर रहे थे। उनमें सुषमा व उसका पति केशव बहादुर, प्रेम बहादुर, शिव बहादुर,अवतारी, भीम बहादुर, घनश्याम, दीपक कुमार शामिल हैं।
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