Uttarnari header

uttarnari

श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में पशु क्रूरता की रोकथाम के लिए DM ने की पशु क्रूरता निवारण समिति के साथ बैठक, दिए ये निर्देश

उत्तर नारी डेस्क 

विश्व विख्यात केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए अलग-अलग माध्यम हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा एक कठिन यात्रा मानी जाती है। जिसके लिए गौरीकुण्ड तक वाहनों के माध्यम से पहुंचने पर तकरीबन 16 कि0मी0 की पैदल चढ़ाई को पार करने के लिए पैदल या डण्डी-कण्डी या घोड़े-खच्चरों के माध्यम से पहुंचा जाता है। यही प्रक्रिया वापसी के समय की भी है। यात्रा के पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ होने वाली क्रूरता की शिकायतें मिलने पर अब केदारनाथ यात्रा मार्ग में पशु क्रूरता की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने पशु क्रूरता निवारण समिति के साथ बैठक की। जहां बैठक में फैसला किया गया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित घोड़े-खच्चरों के साथ हुई पशु क्रूरता होने पर आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि घोड़े-खच्चरों के साथ कोई क्रूरता न हो इसकी निरंतर निगरानी की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बीमार, अनफिट और घायल घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न हो।

इसके लिए उन्होंने घोड़ा-पड़ाव में ही पशु चिकित्साधिकारी द्वारा उनका निरीक्षण करने को कहा है। जिलाधिकारी ने घोड़ा-पड़ाव में दो सी.सी.टी.वी कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यात्रा में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की ढंग से निगरानी नहीं हो पा रही है। पूर्व में घोड़े-खच्चरों की निगरानी में लगी टास्क फोर्स द्वारा अपना कार्य ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने टीम को हटवाने के निर्देश देते हुए 6 अन्य पी.आर.डी जवानों को यात्रा मार्ग में तैनात करने को कहा है।

Comments