उत्तर नारी डेस्क
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ० हिमांशु थपलियाल और धीरेंद्र रतूड़ी ने शिरकत की। डॉ० थपलियाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि डाक्टर अपना जीवन पैरामेडिकल कर्मियों के बिना कल्पना भी नहीं कर सकते है। श्रद्धेय महाराज की यह एक अच्छी पहल है कि उन्होने कोटद्वार शहर को एक बेहतरीन पैरामेडिकल कॉलेज की सौगात दी। साथ ही धीरेंद्र रतूड़ी ने नए छात्रों के बीच अपने उद्बोधन में कहा कि छात्र कल का भविष्य है और इस पौध को हमारे द्वारा सींचा जाना है जो भविष्य में एक सफल वृक्ष की तरह स्थापित हो सके। उन्होने कहा पैरामेडिसिन का क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है, जिसमें नई-नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है। जैसे ही आप इस शैक्षिक यात्रा पर आगे बढ़ेंगे, आप महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस होंगे। कॉलेज की फैक्ल्टी डॉ० शिवी शर्मा ने मरीजो को फिजियोथेरिपी से मिल रहे लाभ एवं वर्तमान की जीवनशैली में इसके उपयोगिता को अपने उद्बोधन मे समझाया। इसके बाद माइक्रोबॉयोलाजी की फैक्ल्टी ओशिन जोशी द्वारा मेडिकल के क्षेत्र में लगातार माइक्रोबॉयोलाजी के विस्तार के बारे में बताया कि रिसर्च से लेकर सेंट्रल लैब में बड़ी संख्या में इसकी मांग है।
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ० गिरीश उनियाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि सन् 1952 में श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन की स्थापना ब्रह्मलीन श्रीमंहत इन्द्रेश चरण दास जी द्वारा की गई। इसके बाद श्रद्धेय देवेन्द्र दास महाराज द्वारा वर्तमान में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार सराहनीय कार्य किया जा रहा है। एसजीआरआर पैरामेडिकल कॉलेज, उच्च शिक्षा का एक प्रसिद्ध संस्थान है जो बौद्धिक जिज्ञासा, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि पैरामेडिकल छात्रों को समाज की भलाई के उद्देश्य से कार्य करना होता है। इस मौके पर प्रणव राज बमराड़ा, हिमांशु द्विवेदी, रतन, दिगम्बर सिंह, आदि मौजूद रहे।
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