उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के टिहरी जिले निवासी रोहित भट्ट ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह कर लिया है। रोहित भट्ट ने माउंट एल्ब्रुस पर 101 फीट लंबा तिरंगा फहरा कर एक विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। रोहित ने देश सहित प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। वहीं, रोहित ने उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा एवलॉन्च में जान गंवाने वाले अपने साथियों की तस्वीर लगे बैनर को भी चोटी में लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बता दें, टिहरी जिले के विकास खंड भिलंगना के खाल पाली कोटी के रहने वाले रोहित भट्ट ने 19 अगस्त की सुबह 6:25 बजे पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज माउंट एलब्रुस पर लहरा कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया। रोहित ने पहली बार कोई रिकॉर्ड नहीं बनाया है। इस से पहले भी रोहित अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी तंजानिया स्थित माउंट किलिमंजारो को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं। इस पर्वत को फतह करने के लिए छह दिन का समय लगता है। लेकिन रोहित ने इसे सिर्फ तीन दिन में ही फतह कर लिया। गौर हो कि रोहित उन पर्वतारोहियों में शामिल हैं, जो उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा एवलॉन्च में जिंदा बचकर आए थे। इतना ही नहीं उन्होंने 4 लोगों की जान बचाई थी। इस एवलॉन्च में माउंट एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, पर्वतारोही नौमी रावत, पर्वतारोही अजय बिष्ट समेत 29 पर्वतारोहियों की जान चली गई थी। जब युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट ने माउंट एल्ब्रुस की चोटी को फतह की, तो उन्होंने अपने दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी। रोहित अपने साथ दिवंगत साथियों की तस्वीर वाला बैनर साथ ले गए थे। जब वह चोटी पर पहुंचे, तो उन्होंने तिरंगा फहराने के साथ ही वहां से सभी को श्रद्धांजलि दी।
बता दें, माउंट एल्ब्रुस फतह करने के बाद रोहित भट्ट ने उत्तराखण्ड डीजीपी अशोक कुमार, एसडीआरएफ कमांडेंट प्रमोद रावत समेत कई लोगों का सपोर्ट करने के लिए आभार जताया है। साथ ही इसका श्रेय अपने माता पिता जगदंबा प्रसाद भट्ट को दिया है। रोहित का कहना है कि अभी तक वो दो महाद्वीपों की समिट कर चुके हैं। अगर सरकार का सपोर्ट मिला तो वो भारत के राष्ट्रीय ध्वज को सातों महाद्वीपों पर फहराएंगे।
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