उत्तर नारी डेस्क
मंसूरी कांड की 29वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखण्ड क्रान्ति दल की जिला इकाई द्वारा पदमपुर सुखरो कोटद्वार स्थित कार्यालय में खटीमा और मंसूरी कांड के शहीदों को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान वक्ताओं द्वारा शहीदों को याद करते हुए कहा गया की 2 अगस्त 1994 में पौड़ी कमीशनरी मे पृथक राज्य उत्तराखण्ड की मांग को लेकर उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी के सात अन्य साथियो के साथ आमरण अनशन मे बैठने के 7 अगस्त रात्रि को पुलिस द्वारा उनको जबरन उठाने व लाठीचार्ज मे कई आंदोलंकारियों को घायल करने के बाद 8 अगस्त से पर्वतीय क्षेत्र के आठो जनपदों में 8 साल बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग तक ने आंदोलन में भागीदारी की तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आंदोलनकारीयो पर दमनकारी नीति अपनाई गई।
जिससे की 1 सितंबर 1994 को खटीमा में निहत्थे आंदोलनकारी पर गोली चलाकर सात उत्तराखण्ड आंदोलनकारी को शहीद किया गया। वहीं दूसरी ओर 2 सितंबर को मंसूरी में शांतिपूर्वा के प्रदर्शन में पुलिस की दमनकारी नीति से दो बहने श्रीमती हंस धनाई और श्रीमती बेलमती चौहान के साथ चार अन्य को पुलिस की गोली से शहीद कर दिया। वक्ताओं द्वारा यह भी कहा गया की 23 साल भी जाने पर भी आंदोलनकारी अपनी पहचान के लिए तरस रहे हैं उत्तराखण्ड के शहीदों के सपनों का राज्य की मांग की गई थी। वह आज भी धरातल पर पूरी नहीं हुई साथही पलायन ओर भी बढ़ गया व उत्तराखंडीयो का मूल निवास तक छिन गया ओर जमीनो का बहारी निवासियों द्वारा खुर्दबुर्द कर दिया गया।
अंत में 2 मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई आज की श्रद्धांजलि सभा में यूकेडी के साथ आंदोलन कार्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किया। जिसमें निम्न लोग शामिल थे - उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत, कोटद्वार महानगर अध्यक्ष गुलाब सिंह रावत, जगमोहन सिंह बिष्ट, कमल किशोर खंतवाल, प्रेम सिंह बिंदवाल, दिनेश गोड़, हरि सिंह रावत, संजू कश्यप, इकरामुद्दीन, पुष्कर सिंह रावत, शशिकांत मानसिंह, मुकेश कुकरेती, विनोद अग्रवाल, गिरधारी डबराल, अभिमन्यु रावत, अर्चना दूत्पड़ी, सरस्वती देवी आदि शामिल थे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के जिला अध्यक्ष जनपद कोटद्वार के मुकेश चंद्र बड़थ्वाल द्वारा किया।