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उत्तराखण्ड : मनीष रमोला ने UPSC में पाई सफलता, बने CAPF में असिस्टेंट कमांडेंट

उत्तर नारी डेस्क


उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उत्तराखण्ड के कई होनहार अपनी मेहनत और क्षमता के दम पर ही उच्च पदों पर काबिज हैं। इसी क्रम में अब खबर टिहरी गढ़वाल से सामने आ रही है। जहां चंबा क्षेत्र के कखवाड़ी गांव में रहने वाले मनीष रमोला ने UPSC द्वारा आयोजित CAPF में असिस्टेंट कमांडेंट बन सफलता प्राप्त की है। इस अभूतपूर्व सफलता से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है। 

बता दें, मनीष ने संघ लोक सेवा आयोग, यूपीएससी द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में सफलता हासिल कर मेरिट सूची में अपना नाम दाखिल कर लिया है। मनीष के अस्टिटेंट कमांडेंट पद पर चयनित होने से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता भी लगा हुआ है। मनीष के पिता रणवीर चंद्र रमोला बतौर एएसआई उत्तराखण्ड पुलिस में कार्यरत है। उन्होंने अपने बेटे की सफलता का श्रेय उसकी लगन और पढ़ाई के प्रति समर्पण को दिया। 

बताते चलें, मनीष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के डीएवी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की थी और फिर देहरादून के ही डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री भी हासिल की। स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही मनीष ने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी थी। इन दिनों उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा भी लिया। उनकी मेहनत आखिर रंग लाई जब स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद बीते वर्ष यूपीएससी द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की असिस्टेंट कमांडेंट परीक्षा में उन्होंने हिस्सा लिया। आखिरकार,परिणाम उनके हक में आया। बीते 6 अक्टूबर को घोषित हुए इस परिणाम में मनीष को शानदार सफलता मिली और और वो असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर चयनित हो गए।


स्कूल के परिसर में घुसा गुलदार, शिक्षिका ने दिखाई हिम्मत, बच्चों को किया सुरक्षित

उत्तर नारी डेस्क 


उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में गुलदार का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। गुलदार जंगलों से निकलकर आबादी वाले क्षेत्रों में दस्तक देकर बच्चों-बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं, लेकिन लोगों को गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इसी क्रम में अब ख़बर हरिद्वार से सामने आ रही है। जहां भेल क्षेत्र स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेक्टर एक स्कूल के परिसर में गुलदार देखने को मिला है। 

बताया जा रहा है कि इस दौरान स्कूल में लगभग 60 से 65 छात्र-छात्रा मौजूद थे। वहीं, इस स्कूल में 80 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। गनीमत रही कि परिसर में गुलदार दिखते ही क्लास में मौजूद छात्र-छात्राओं ने हल्ला मचा दिया। जिसका शोर सुनकर सुन कर शिक्षिका सुनीता रानी ने साहसिक तरीके से सभी कक्षाओं के दरवाजे बंद कर दिए और स्कूल की प्रधानाध्यापिका माहेश्वरी शाह और शिक्षिका सुनीता रानी ने वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी दी। वहीं, कुछ ही देर में वन विभाग की टीम, रानीपुर कोतवाली से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। हालांकि टीम के पहुंचने तक मादा गुलदार जा चुकी थी। आसपास के लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले भी क्षेत्र में गुलदार देखा गया था।

 

शोभित जोशी ने UPSC परीक्षा में हासिल की सफलता, पाई 6th रैंक

शोभित जोशी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की भारतीय वन सेवा परीक्षा में छठी रैंक पाई है। शोभित की इस अभूतपूर्व सफलता से परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है। 

बता दें, संघ लोक सेवा आयोग ने शनिवार को भारतीय वन सेवा परीक्षा, 2022 का अंतिम परिणाम जारी किया है। जिसमें शोभित का नाम आने से घर में खुशियां छा गईं। शोभित ने भारतीय वन सेवा परीक्षा में ऑल इण्डिया 6th रैंक हासिल की। शोभित का मूल निवास सोमेश्वर का क्वैराली गांव है। वह हल्द्वानी में 40 साल से रहे हैं। शोभित के पिता मनोहर जोशी राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त हैं और उनकी मां कमला जोशी गृहिणी हैं। शोभित के बड़े भाई अंकित जोशी श्रम कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारी हैं। अगर बात शोभित की पढ़ाई की करें तो उन्होंने हल्द्वानी स्थित बियरशिवा स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की है। इसके बाद बीटेक और एमटेक किया। 

वह लोनिवि में सहायक अभियंता के पद पर भी कार्य कर चुके है। शुरू से ही उसका सपना देश की सेवा नौकरी करना था। इससे पहले अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में भी वह कुछ अंकों से रह गए थे। शोभित वर्तमान में कोयंबटूर में स्टेट फॉरेस्ट सर्विस के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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