उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बड़ा अपडेट है। बता दें, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो गया है। अब उत्तराखण्ड सरकार इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले हफ्ते समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहले राज्य बन जाएगा।
बता दें, उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार ने समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मसौदा समिति का गठन किया था। इस टीम ने लोगों की राय-मशविरा के बाद एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है। राज्य में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों के साथ कैसे डील किया जाएगा, इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, कमेटी अगले एक से दो दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
दिवाली बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी
सूत्र के अनुसार रिपोर्ट के अध्ययन के बाद अगले हफ्ते दिवाली के बाद उत्तराखण्ड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की तैयारी है। सदन में विधेयक पर चर्चा होगी और उसे पारित कराए जाएगा। बाद में राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
क्या है यूनिफार्म सिविल कोड
यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून। चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।