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कोटद्वार बस अड्डे मामले में HC ने नगर निगम व उत्तराखण्ड शासन को किया तलब

उत्तर नारी डेस्क 

कोटद्वार के मोटर नगर में बनने वाले आधुनिक बस अड्डे के मामले में हाईकोर्ट में दायर रिट याचिका में न्यायालय ने कोटद्वार नगर निगम व उत्तराखण्ड शासन को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 4 जनवरी को होगी।

बता दें, मामले में आज शुक्रवार 29 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट में पहली सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने कोटद्वार नगर निगम व जिलाधिकारी से जवाब तलब किया है। उन्होंने पूछा की जिस बस अड्डे को साल 2013 से 2015 तक में बन जाना चाहिए था वो इतने सालों में क्यों नहीं बन सका। नगर निगम और उत्तराखण्ड शासन हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा है। 

गौरतलब हो कि जिस सरकारी भूमि को बस अड्डा निर्माण के नाम पर खोदा गया वहां से कुछ साल पहले तक बस व टैक्सियों का संचालन होता था। पूर्व की नगर पालिका परिषद ने जनता को मोटर नगर में आधुनिक बस टर्मिनल बनाने का सपना दिखाकर 23 मार्च 2013 में पीपीपी मोड पर इसका कार्य एक निजी संस्था को सौंपा था। संस्था ने बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू तो किया, लेकिन कुछ समय बाद बड़ा गड्ढा बनाकर अधर में छोड़ दिया। अनुबंध के मुताबिक मार्च 2015 तक बस अझै का निर्माण पूर्ण कर नगर पालिका को सौंपा जाना था। करार होने के नगर पालिका ने मोटर नगर का भू- उपयोग परिवर्तित नहीं किया। निर्माण के करीब छह माह बाद भू-उपयोग तो परिवर्तित हो गया, लेकिन जिस स्थान पर बस अड्डा निर्माण होना था, वहां पहले से ही दुकानें मौजूद थीं, जिस कारण मसला फिर लटक गया। इसके बाद भी नगर पालिका तय शर्तों के अनुसार मोटर नगर की पूरी भूमि खाली करवा कर संस्था को नहीं सौंपी। नतीजा, बस अड्डे का निर्माण अधर में लटक गया और यही स्थिति आज भी बरकरार है।

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