उत्तर नारी डेस्क
आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां उत्तराखण्ड की बेटियों ने अपनी सफलता की कहानी ना लिखी हों। उत्तराखण्ड की बेटियां हर क्षेत्र में उच्च पदों पर काबिज हैं और अपने हुनर और परिश्रम से अपना नाम रोशन कर रही है। इसी क्रम में अब ख़बर हल्द्वानी से सामने आयी है। जहां मनीषा कांडपाल ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन परिवार समेत पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया हैं। इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
जानकारी अनुसार, मनीषा कांडपाल मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के भनोली की रहने वाली है। उन्होंने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई नैनीताल रोड स्थित इंस्पिरेशन स्कूल से की है। इंटर के बाद मनीषा कांडपाल ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कमांड हॉस्पिटल लखनऊ से की है और 4 साल की सफल ट्रेनिंग के बाद उन्हें कमीशन प्राप्त हुआ है। उनके पिता तारा दत्त कांडपाल भारतीय सेना का हिस्सा रह चुके हैं। रिटायर होने के बाद वो शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षक हैं और मां सफल हाउस मेकर हैं। मनीषा ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा नाना और अपने गुरुजनों को दिया है।
उत्तराखण्ड : मिथिल जोशी बनें भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट
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उत्तराखण्ड की बेटी मनीषा ने रचा इतिहास, बनीं देश की पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी
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उत्तराखण्ड के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। फिर बात चाहे शिक्षा के क्षेत्र की हों या सेना की या फिर खेल के मैदान की या मनोरंजन की दुनिया की, देवभूमि के होनहार युवाओं ने सभी क्षेत्रों में अपनी काबिलियत का परचम लहराया है। इसी क्रम में अब ख़बर देहरादून से सामने आयी है। जहां देहरादून की रहने वाली एयरफोर्स ऑफिसर मनीषा पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी बन गई हैं, जिन्हें मिजोरम के राज्यपाल के एडीसी के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्हें मिजोरम के राज्यपाल डाॅ. हरि बाबू कंभमपति ने एडीसी के रूप में नियुक्त किया है।
आपको बता दें, देवभूमि उत्तराखण्ड को सैन्य बहुल प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। इसी क्रम में अब शीर्ष पदों पर आसीन होने वालों में अब मनीषा का नाम भी शामिल हो चुका है। वह नागल ज्वालापुर, डोईवाला, देहरादून निवासी लीलावती कार्की की बहू हैं। उनके पति प्रेम सिंह कार्की भी सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर थे।
सेना से सेवानिवृत्ति के बाद इसी साल फरवरी में एक हादसे में उनका निधन हो गया था। लीलावती कार्की के मुताबिक, उनका बेटा दीपक कार्की सेना में मेजर हैं, जो इन दिनों गुरदासपुर में तैनात हैं, जबकि उनकी बहू मनीषा वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर है। 2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी मनीषा के राज्यपाल के सहायक डी कैंप के रूप में नियुक्ति पर वह खुशी जताती हैं। बताती हैं कि उनकी बहू उनके परिवार का गौरव है। सेना में अधिकारी पद पर रहते हुए जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के साथ ही एक बेटी के रूप में वह उनका पूरा ख्याल रखती हैं। इससे पहले वह वायुसेना स्टेशन बीदर, वायुसेना स्टेशन पुणे और वायुसेना स्टेशन भटिंडा में तैनात थीं।