उत्तर नारी डेस्क
पहाड़ के एक और बेटे को देश की सेवा करने की एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जिससे पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दें, टिहरी गढ़वाल जिले के विनय डंगवाल भारतीय वायुसेना में ऑफिसर बन गए हैं। विनय की इस उपलब्धि से परिवार समेत पूरे गांव में जश्न का माहौल है।
बता दें, विनय डंगवाल के पिता संजय डंगवाल भी भारतीय सेना का हिस्सा रहें थे। उनकी मां का नाम राजेश्वरी डंगवाल है। विनय डंगवाल के भाई बिपिन डंगवाल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, अगर शिक्षा की बात करें तो विनय ने केंद्रीय विद्यालय देहरादून से 2016 में हाईस्कूल और 2018 में इंटर उत्तीर्ण किया। इसके बाद उन्होंने देहरादून से बीएससी और एमसीए की पढ़ाई पूरी की। इससे पहले साल 2019 में विनय डंगवाल सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट भी चुने गए थे तो वहीं 2015 में उन्हें स्काउट गाइड के लिए राष्ट्रपति सम्मान भी मिला था। विनय की कामयाबी पर पूरा परिवार खुश है। उत्तर नारी टीम की ओर से विनय डंगवाल को उनकी कामयाबी के लिए बधाई और शुभकामनाएं।
उत्तराखण्ड : गीतिका चुफाल भारतीय वायुसेना में बनी फ्लाइंग ऑफिसर
उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की बेटियां आसमान की ऊंचाइयों को छू कर प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं। सरकारी, गैर सरकारी तथा सैन्य क्षेत्र में भी राज्य की बेटियां पीछे नहीं है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने ना केवल उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है बल्कि देश को भी गौरवान्वित किया है। हम बात कर रहे हैं ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा में रहने वाली गीतिका चुफाल की। जिनका चयन भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ है। गीतिका चुफाल की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।
बता दें, गीतिका चुफाल मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील क्षेत्र के सीणी गांव की रहने वाली हैं। गीतिका के पिता बलबीर सिंह चुफाल एक पूर्व सैनिक हैं, जबकि उनकी मां पुष्पा चुफाल एक कुशल गृहिणी हैं। गीतिका की इंटर तक की शिक्षा सर्राफ पब्लिक स्कूल से हुई। इंटर के बाद उन्होंने 2015- 19 तक आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल पूणे से बीटेक किया। इसके बाद एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज (एएफटीसी) बंगलुरु से ऐरोनोटिकल इंजीनियरिंग इलेक्ट्रानिक (एसीईई) शाखा से प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्ष 2019 से अप्रैल 2022 उड़ चलो निजी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर कार्य किया। जून 2022 से दिसंबर 2022 तक हैदराबाद में प्रशिक्षण लिया। दिसंबर 2022 से 2023 तक एएफटीसी बंगलुरु में एसीईई शाखा प्रशिक्षण पास कर फ्लाइंग ऑफिसर बन गई हैं। वर्तमान में उनका परिवार ऊधमसिंहनगर के वार्ड नंबर-18, टीचर्स कॉलोनी में रहता है। गीतिका ने अपनी सफलता का श्रेय दादा भीम सिंह चुफाल, दादी चंद्रा चुफाल, पिता बलवीर सिंह चुफाल और माता पुष्पा चुफाल को दिया है।