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उत्तराखण्ड : यशराज बनें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, बेटे के कंधों पर माता-पिता ने लगाए स्टार

उत्तर नारी डेस्क


पहाड़ के एक और बेटे को देश की सेवा करने की एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जिससे पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दें, अल्मोड़ा जिले के यशराज सिंह खड़ाई भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए है। यशराज की इस उपलब्धि से परिवार समेत पूरे गांव में जश्न का माहौल है

बता दें, शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (आईएमए) में पासिंग आउट परेड में सोमेश्वर के ग्राम बजेल, पोस्ट रनमन निवासी यशराज सिंह खड़ाई भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए है। बेटे के कंधों पर भारतीय सेना से कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त पिता मदन सिंह खड़ाई और माँ उमा देवी ने सितारे लगाये। इस दौरान उनकी दोनों बहनें रजनी और पूजा भी मौजूद रही। 

यशराज की प्राथमिक शिक्षा आनंद वैली स्कूल सोमेश्वर से हुई। उस दौरान पिता भारतीय सेना में कार्यरत थे तो 6वीं से 8वीं तक शिक्षा यशराज ने जम्मू से प्राप्त की। इसे बाद 12वीं की शिक्षा देहरादून उत्तराखण्ड से प्राप्त की। इस दौरान वह सेना की तैयारी में जुट गये और वर्ष 2019 में एनडीए में आल इंडिया 17वीं रैंक हासिल की। इसके बाद वह प्रशिक्षण के लिए चले गये। वर्ष 2023 में वह भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण लेने पहुंचे और एक साल के प्रशिक्षण के बाद वह शनिवार को लेफ्टिनेंट बन गए। यशराज की इस सफलता से पूरे गांव में जश्न का माहौल है। लोग उनके घर पर बधाईयां देने पहुंच रहे है। उत्तर नारी की ओर से यशराज को शुभकामनाएं।


उत्तराखण्ड : मिथिल जोशी बनें भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट 

उत्तर नारी डेस्क 

पहाड़ के एक और बेटे को देश की सेवा करने की एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। जिससे पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है। बता दें, अल्मोड़ा जिले के मिथल जोशी का भारतीय नौसेना में लेफिटेंट पद पर चयन हुआ है। मिथिल जोशी ने बीते शनिवार को इंडियन नेवल अकादमी एझिमाला में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में अंतिम पगबाधा पार की। इस दौरान वहां मौजूद उनके माता-पिता ने बेटे के कंधों पर सितारे सजाकर उसे नौ सेना को समर्पित किया। उनकी इस उपलब्धि से परिवार समेत पूरे गांव में जश्न का माहौल है। 

बता दें, मिथिल जोशी मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के हवालबाग विकासखण्ड के बरसीमी गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के मथुरा विहार में रहता है। मिथिल के पिता केके जोशी राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में कार्यरत हैं। उनकी मां भावना जोशी एक कुशल गृहिणी हैं। मिथिल ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा हाइलैंड पब्लिक स्कूल से प्राप्त की है। उसके बाद उन्होंने हल्द्वानी के सेंट थेरेसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल काठगोदाम से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। वहीं, मिथिल की इस सफलता से उनके परिवार वाले काफी खुश हैं। 

उत्तराखण्ड की बेटी मनीषा ने रचा इतिहास, बनीं देश की पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी

उत्तर नारी डेस्क


उत्तराखण्ड के होनहार युवा आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। फिर बात चाहे शिक्षा के क्षेत्र की हों या सेना की या फिर खेल के मैदान की या मनोरंजन की दुनिया की, देवभूमि के होनहार युवाओं ने सभी क्षेत्रों में अपनी काबिलियत का परचम लहराया है। इसी क्रम में अब ख़बर देहरादून से सामने आयी है। जहां  देहरादून की रहने वाली एयरफोर्स ऑफिसर मनीषा पहली महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी बन गई हैं, जिन्हें मिजोरम के राज्यपाल के एडीसी के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्हें मिजोरम के राज्यपाल डाॅ. हरि बाबू कंभमपति ने एडीसी के रूप में नियुक्त किया है।  

आपको बता दें, देवभूमि उत्तराखण्ड को सैन्य बहुल प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। इसी क्रम में अब शीर्ष पदों पर आसीन होने वालों में अब मनीषा का नाम भी शामिल हो चुका है। वह नागल ज्वालापुर, डोईवाला, देहरादून निवासी लीलावती कार्की की बहू हैं। उनके पति प्रेम सिंह कार्की भी सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर थे। 

सेना से सेवानिवृत्ति के बाद इसी साल फरवरी में एक हादसे में उनका निधन हो गया था। लीलावती कार्की के मुताबिक, उनका बेटा दीपक कार्की सेना में मेजर हैं, जो इन दिनों गुरदासपुर में तैनात हैं, जबकि उनकी बहू मनीषा वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर है। 2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी मनीषा के राज्यपाल के सहायक डी कैंप के रूप में नियुक्ति पर वह खुशी जताती हैं। बताती हैं कि उनकी बहू उनके परिवार का गौरव है। सेना में अधिकारी पद पर रहते हुए जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के साथ ही एक बेटी के रूप में वह उनका पूरा ख्याल रखती हैं। इससे पहले वह वायुसेना स्टेशन बीदर, वायुसेना स्टेशन पुणे और वायुसेना स्टेशन भटिंडा में तैनात थीं। 

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