उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड से बड़ी एक खबर सामने आ रही है। आज बुधवार को केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा उत्तराखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के ठिकानों पर छापेमारी की। बता दें प्रवर्तन निदेशाल की ये कार्रवाई उत्तराखण्ड, दिल्ली, चंडीगढ़ और पंचकूला सहित कुल 16 जगहों पर जारी है। ईडी की यह कार्रवाई दो अलग-अलग मामलों में हो रही है। एक मामला फॉरेस्ट लैंड से जुड़ा है तो दूसरा एक अन्य जमीन घोटाले से जुड़ा बताया जा रहा है।
बता दें, ईडी की टीम देहरादून की डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचकर रेड कर रही है। साथ ही पूर्व मंत्री के करीबियों को भी ईडी ने अपने रडार पर लिया है और उनके ठिकानों पर भी छापेमारी करके दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं, साथ ही उनसे पूछताछ भी की जा रही है।
उत्तराखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर कार्बेट के पाखरो रेंज भ्रष्टाचार में ये कार्रवाई की गई है। ये मामला उस वक्त का है, जब हरक सिंह रावत उत्तराखण्ड सरकार में वन मंत्री थे। साल 2019 में बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहें त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने साल 2019 में पाखरो में टाइगर सफारी निर्माण के लिए केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी मांगी थी। साल 2019-20 में पाखरो में करीब 106 हेक्टेयर वन भूमि पर कार्य भी शुरू कर दिया गया था। इसी प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान करीब 163 पेड़ काटे जाएंगे। इस तरह की बात उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा बताया गया था, लेकिन बाद में जांच के दौरान पता चला की उस दौरान उससे कहीं ज्यादा संख्या में पेड़ काटे गए। इसके अलावा पाखरो रेंज में अवैध निर्माण भी हुआ था। इस मामले को लेकर रावत और उनके विभाग के अधिकारियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे। ईडी आज इसी मामले को लेकर छापेमारी कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें, पिछले साल अगस्त में भी विजिलेंस विभाग ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की थी।
गौरतलब है कि हरक सिंह रावत को बीजेपी ने अनुशासनहीनता की वजह से पार्टी से निष्कत करते हुए कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद साल 2022 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हरक सिंह के साथ उनकी बहू अनुकृति गुसाईं ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था।