उत्तर नारी डेस्क
बाल विवाह समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। उत्तराखण्ड में नेता और अधिकारी भले ही बाल विवाह न के बराबर होने के दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही हाल बयां करती है। ताज़ा मामला पिथौरागढ़ जिले से सामने आया है। जहां 13 फरवरी को धारचुला क्षेत्रांतर्गत एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी। जिसकी सूचना पुलिस को 112 नंबर पर मिली। जिस पर प्रशासन की टीम गांव पहुंची और गांव पहुंचकर जांच शुरू की। जांच में लड़की की उम्र 18 साल से कम पाई गई है। ऐसे में पुलिस ने दोनों परिवारों की कॉउंसलिंग की और नाबालिग की शादी को रुकवाया।
बता दें, 13 फरवरी को 112 के माध्यम से पिथौरागढ़ पुलिस की एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट टीम को सूचना मिली कि कोतवाली धारचुला क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कालिका मल्ला गांव निवासी एक व्यक्ति अपनी नाबालिग बेटी की शादी करा रहा है। सूचना पर एएचटीयू टीम हे. का. प्रो. तारा बोनाल, हे.का. दीपक खनका, का. निर्मल किशोर व बाल विकास धारचुला की टीम उपरोक्त गांव में पहुँचे, जहां ग्राम प्रधान कालिका मल्ला राधिका देवी द्वारा बताया कि दोनों परिवारों को कानून की जानकारी नही थी, जिन्हें बाल विवाह कानून की जानकारी दी गयी तथा समझाने के पश्चात अब वह अपनी लड़की की शादी बालिग होने पर ही करने को तैयार हैं जिस सम्बन्ध में एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया है। टीम द्वारा लोगों को बाल विवाह कानून की जानकारी दी गयी तथा सभी को बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति न कराने के सम्बन्ध में जागरूक किया गया।
पिछले 1 वर्ष में पिथौरागढ़ पुलिस की एएचटीयू टीम द्वारा तत्परता से कार्य करते हुए पिथौरागढ़ क्षेत्रान्तर्गत कुल 6 बाल विवाह रूकवाये गये। साथ ही आम जनमानस को लगातार जागरूक किया जा रहा है। साथ ही पिथौरागढ़ पुलिस ने आम जनमानस से अपील है कि आपके आस पास बाल विवाह होने पर उसकी सूचना त्वरित 112 या स्थानीय पुलिस को दें ताकि समय पर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा सके।