Uttarnari header

uttarnari

उत्तराखण्ड : Shark Tank India Season 3 के मंच पर पहुंचा पहाड़ी नमक

शीतल बहुखण्डी 


Shark Tank India Season 3 का तीसरा सीजन 22 जनवरी से शुरू हो गया है। इस शो के पहले दो सीजन जहां काफी लोकप्रिय रहे थे। वहीं अब तीसरा सीजन भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

जहां शार्क टैंक इंडिया 3 का हर एपिसोड बेहद दिलचस्प होता जा रहा है तो वहीं, शार्क्स के साथ-साथ पिचर्स भी जो अपनी डील्स के साथ आते हैं और जो दोनों के बीच की बातचीत होती है वह भी खूब वायरल हो जाती है।

इसी क्रम मे अब एक और  ऐसी ही बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा है। जहां शार्क टैंक के सीजन 3 मे उत्तराखण्ड के पारम्परिक परिधान पहनकर नमकवाली ब्रांड सें देहरादून के थानो निवासी शशि बहुगुणा रतूड़ी और सुवेंदु रतूड़ी पहुंचे।

जहां उन्होंने अपने आर्गेनिक ब्रांड को पूरे देश-विदेश तक पहुंचाने के लिए सभी शार्क के सामने 5 लाख फॉर 5 पर्सेंट इक्विटी के लिए पिच दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह 15 उत्पाद स्वयं बनाते है। जिस पर नमिता, विनीता और बाकी जजों ने उनसे कहा कि वे उन्हें अपने प्रोडक्ट को यूज करने दें। फिर उन्होंने प्रोडक्ट टेस्ट कर इसे काफ़ी अच्छा बताया।

विनीता, नमिता उनकी तारीफ करती हैं और उन्हें बताती हैं कि ये काफी अच्छा है। हालंकि वह इस डील सें फ़िर बाहर हो गए। वहीं, उनकी पिच को सुनकर शार्क अमित जैन कार देखो के सीईओ और सह-संस्थापक  ने 10 लाख 5 परसेंट इक्विटी के साथ 40 लाख डेप्ट एट 8 परसेंट इंटरेस्ट के साथ 3 साल की डील दी। जिसे शशि बहुगुणा रतूड़ी और सुवेंदु रतूड़ी ने डील डन करके इन्वेस्टमेंट ली।

इस दौरान शशि बहुगुणा रतूड़ी और सुवेंदु रतूड़ी के साथ उनके दो कर्मचारी रेखा कोठारी और सुशीला सेमवाल को भी देखा गया। जो कि शशि बहुगुणा के साथ 35 सालों सें जुडी है। जब वह एक सोशल वर्कर हुआ करती थी।

वहीं, पिस्यूं लूण को लेकर एक ख़ास बात भी सामने आयी। जहां शशि बहुगुणा के बेटे सुवेंदु रतूड़ी ने बताया की पिस्यूं लूण के इल्लुस्ट्रेशन उनके पिता विपिन रतूड़ी द्वारा उत्पादों की पैकिंग के लिए स्वयं बनाये गए है। जो कि हैंड मेड है और कस्टमर को काफ़ी पसंद  है।


देशभर में पहाड़ का ‘पिस्यूं लूण’ महिलाओं की आर्थिकी को संवार रहा 


आपको बता दें, कि देहरादून के थानो निवासी शशि बहुगुणा रतूड़ी देशभर में पहाड़ का ‘पिस्यूं लूण’ यानी (पिसा हुआ नमक) नमकवाली ब्रांड के नाम से जायका बिखेर रही है। इसके साथ ही शशि के साथ 15 महिलाएं भी ‘पिस्यूं लूण’ तैयार कर आर्थिकी को संवार रही हैं। इसके अलावा ‘नमकवाली’ ब्रांड से जुड़कर पहाड़ के कई गांवों की महिलाएं और किसान भी मोटा अनाज, दालें, मसाले व बदरी घी बेच रहे हैं।

खासकर, बदरी गाय के दूध से तैयार घी और मैजिक मसालों की जबर्दस्त मांग है। सिलबट्टे पर पिसे नमक के शौकीन न सिर्फ उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के टीवी कलाकार आशीष बिष्ट, गीता बिष्ट, आर्यन राजपूत, जार्डन आदि हैं, बल्कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसे खासा पसंद करते हैं। विदेश में रहने वाले उत्तराखण्डवासी भी जब यहां आते हैं तो नमकवाली का पिस्यूं लूण लेना नहीं भूलते।

बताते चलें, कि शशि बहुगुणा महिला नवजागरण समिति के माध्यम से प्रदेशभर में महिला उत्थान और उत्तराखण्ड की लोक परंपराओं को बचाने के लिए भी काम कर रही हैं। पिस्यूं लूण को घर-घर पहुंचाने की कवायद भी इसी प्रयास का हिस्सा है। शशि बताती हैं, उत्तराखण्ड के मांगल गीतों को जीवित रखने के लिए उन्होंने एक महिला समूह बनाया है।

गीतों के अभ्यास के दौरान एक महिला घर से लूण पीसकर लाती थी, जो सबको बेहद पसंद आया। यहीं से उन्हें पिस्यूं लूण को देश-दुनिया तक पहुंचाने का विचार आया। तीन महिलाओं के साथ लूण पीसने का काम शुरू किया और बिक्री के लिए इंटरनेट मीडिया की मदद ली। धीरे-धीरे नमक की मांग बढ़ने लगी और आज वह महीनेभर में 35 से 40 किलो पिस्यूं लूण बेच रही हैं। लूण पीसने के काम में शशि के साथ थानो, सत्यो, टिहरी, चंबा आदि स्थानों से 15 महिलाएं जुड़ी हैं। 

इनमें स्थायी रूप से काम करने वाली महिलाएं एक माह में 10 हजार रुपये तक कमा लेती हैं, जबकि अस्थायी रूप से काम करने वाली महिलाओं को काम के अनुसार पारिश्रमिक दिया जाता है। इसके अलावा समूह से जुड़ी महिलाएं देशभर में आयोजित होने वाले स्वरोजगार मेलों में स्टाल भी लगाती हैं।



Comments