उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी भीषण आग ने गढ़वाल और कुमाऊं के जंगलों को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। वन विभाग के लाख दावों के बावजूद जंगलों में आग तेजी से बढ़ रही है। हालात इतने बेकाबू हैं कि सेना को मदद के लिए बुलाना पड़ा है। सेना के 17 एम आई हेलीकॉप्टर की मदद से जंगलों में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी क्रम मे CM धामी ने हल्द्वानी में वनाग्नि की रोकथाम व पेयजल व्यवस्था के संबंध में बैठक कर अधिकारियों को वनाग्नि से निपटने के लिए धरातल पर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आग लगने पर जिलाधिकारी व संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए प्रभावित वन क्षेत्र पहुंचकर सामंजस्य के साथ आग पर काबू पाने में अपना सहयोग दें। सभी अधिकारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।
साथ ही वनाग्नि को रोकने के लिए स्थानीय संगठनों, स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर जनजागरुकता फैलाने और जंगलों में आग लगाने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। वनाग्नि रोकने में सहयोग कर रहे ग्रामीणों को चिन्हित कर वन विभाग द्वारा सम्मानित भी किया जाए।
अधिकारीगण ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने के साथ ही टैंकरों से जलापूर्ति व पेयजल लाइनों की समुचित मरम्मत सुनिश्चित करें।
बता दें, कुमाऊं के जंगलों में 26 जगहों पर अब तक आग लग चुकी है। प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगने की घटना हुई है, इसमें सर्वाधिक आग लगने की घटना कुमाऊं में 26 स्थानों पर हुई। गढ़वाल मंडल के वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।
प्रदेश में एक नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक वनाग्नि के मामले
वर्ष घटनाएं प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में
2022 446 593.19
2023 156 214.2
2024 245 256.57