उत्तर नारी डेस्क
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गई बृहस्पतिवार को गोपीनाथ मंदिर में विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ रुद्रनाथ जी की चलवी ग्रह डोली को हक्कू धारी और मुख्य पुजारी के नेतृत्व में रुद्रनाथ मंदिर के लिए रवाना किया गया इस दौरान आर्मी के बेंड की धुन और सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे 18 मई भगवान रुद्रनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
मुख्य पुजारी महादेव भट्ट ने बताया कि रुद्रनाथ पंच केदारों में चतुर्थ केदार हैं। बताया कि यहां पर पांडवों को भगवान शिव के मुखार बिंदु के दर्शन हुये थे। महादेव भट्ट ने बताया कि भगवान रुद्रनाथ जी की चल विग्रह डोली गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर से प्रस्थान कर चुकी है। जो आज ल्यूंठी बुग्याल में रात्रि विश्राम करेगी। व अगले दिन सत्रह मई को रुद्रनाथ जी की डोली चतुर्थ केदार रुद्रनाथ में प्रवेश करेगी। बताया कि 18 तारीख को चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
रुद्रनाथ मंदिर मुख्य पुजारी और हक हक्क धारीयों के अनुसार भगवान रुद्रनाथ उत्तराखण्ड के पांच केदारों में से एक केदार है यह मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है पूरे भारत में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान शंकर के मुख के दर्शन होते हैं यह मंदिर मुख्य मोटर मार्ग से लगभग 22 किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित है विकट परिस्थितियों होने के बावजूद भी हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान रुद्रनाथ के दर्शनों के लिए यहां पर पहुंचते हैं मंदिर पहुंचने समय चारों ओर हरे-भरे बुग्याल और प्राकृतिक नैसर्गिक सौंदर्य से लबालब यय क्षेत्र है।