उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड को वीरों की भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के लोकगीतों में शूरवीरों की जिस वीर गाथाओं का जिक्र मिलता है, पराक्रम के वह किस्से देश-विदेश तक फैले हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि यह देवभूमि हर साल सेना में सबसे अधिक युवाओं को भेजती है। दरअसल, उत्तराखण्डी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। देश के लिए सेवा करने का जज़्बा पाले न जाने कितने ही लोग इस देवभूमि से जाते हैं और मातृभूमि की रक्षा करते हैं। और उसके बाद जब हम यह सुनते हैं कि उत्तराखण्ड की बेटियां सेना में बड़े पदों पर काबिज हैं तो गर्व से छाती चौड़ी हो जाती है। ऐसे ही राज्य का नाम रौशन करने वाली पहाड़ की बेटी से आज हम आप सब का परिचय कराएंगे, जो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बता दें, हरिद्वार जिले के विलकेश्वर रोड निवासी शिल्पी लखेड़ा ने भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा उत्तीर्ण कर नर्सिंग लेफ्टिनेंट बनने का मुकाम हासिल किया है। वह अब बतौर नर्सिंग लेफ्टिनेंट, मिलिट्री हॉस्पिटल झांसी में अपनी सेवाएं देंगी। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है।
बता दें, शिल्पी लखेड़ा ने जनवरी 2024 में एमएनएस की परीक्षा दी थी। जिसमें लगभग 27000 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था और शिल्पी ने इसमें 99वीं रैंक हांसिल कर न केवल इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया, बल्कि अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। इस परीक्षा में कुल 451 अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिली है। मार्च में हुए इंटरव्यू और मेडिकल के बाद शिल्पी को पहले 198 बच्चों में मिलिट्री हॉस्पिटल झांसी में तैनाती मिली है। वहीं, शिल्पी एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता दिनेश लखेड़ा जहां विलकेश्वर रोड स्थित मेला अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में तैनात हैं वहीं उनकी मां दीपिका लखेड़ा एक कुशल गृहिणी हैं। उनका परिवार, मेला अस्पताल के सरकारी आवास में ही रहता हैं। शिल्पी ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर मायापुर से की जिसके बाद इन्होंने स्टेट राजकीय नर्सिंग कालेज देहरादून से नर्सिंग की पढ़ाई की। भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवाओं में लेफ्टिनेंट के पद शिल्पी के चयन होने से पूरा परिवार ख़ुशी से गदगद है। उत्तर नारी टीम की ओर से भी शिल्पी लखेड़ा को बधाई व शुभकामनाएं।