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हरिद्वार : जहरीली गैसों के बीच खुद की जान की परवाह न कर हेड कांस्टेबल ने बचाई एक व्यक्ति की जान

उत्तर नारी डेस्क


कहते हैं इंसान वही जो वक्त पर काम आए। कुछ ऐसा ही हुआ आज जनपद हरिद्वार में जहां हरिद्वार के देहात क्षेत्र में सुबह लगभग 10:30 बजे कोतवाली मंगलौर क्षेत्रांतर्गत ग्राम जैनपुर, झँझेडी में छत के लेंटर की सेंटरिंग को खोलकर सुरक्षित स्थान में रखने के दौरान 03 मजदूर शौचालय के बेहद पुराने गड्ढे में गिर गए। सूचना पर लंढौरा पुलिस चौकी की चेतक में तैनात पुलिसकर्मी हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह व अरुण चमोली मौके पर पहुंचे। मौके पर कई लोगों की भीड़ तो जमा थी लेकिन कोई भी लगभग 10 - 12 फीट गहरे गड्ढे में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कारण था, उसमें मौजूद जहरीली गैसें। 

दरअसल कोतवाली मंगलौर क्षेत्रांतर्गत ग्राम जैनपुर झंझेडी में स्थानीय निवासी इकबाल के यहां लैंटर में लगे सैटरिंग का सामान उतारकर सुरक्षित स्थान पर रखा जा रहा था। जहां पर पुराना बना शौचालय का एक गड्ढा भी था। जिसका स्लैब टूटने से "राशिद" गड्ढे के अंदर गिर गया, जिसे बचाने "उस्मान" भी गड्ढे में कूदा... दोनों को गड्ढे में मौजूद जहरीली गैसों ने अपनी चपेट में ले लिया, जब आवाज देने पर भी उनकी कोई आवाज नहीं आई तब उनको बचाने परवेज भी गढ्ढे में उतरा और जल्दी ही बेहोश हो गया।

अचानक से कुछ ही मिनटों के अंदर ये सब होने से पूरे क्षेत्र में हाहाकार मच गया, जिसने सुना वही मौके की ओर दौड़ पड़ा। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर तत्काल चेतक में तैनात हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह और अरुण चमोली पहुंचे। इन हालातों में जब कोई भी गड्ढे में जाने को तैयार नहीं था तब "बिना एक पल गंवाए" मौत के कुएं में जाने का फैसला हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह ने लिया। 

हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह द्वारा जान जोखिम में डालकर, गड्ढे में उतरकर गिरे व्यक्तियों को चेक किया और एक व्यक्ति की सांस चलने पर वापस आकर लोगों की मदद से रस्सी व लोहे की छड़ द्वारा किसी तरह सभी तीनों व्यक्तियों को बाहर निकाल कर जल्दी-जल्दी अस्पताल भिजवाया गया। जिनमें से मोहम्मद राशिद पुत्र मोहम्मद सुल्तान निवासी ग्राम रनसुरा थाना लक्सर जिला हरिद्वार उम्र 38 वर्ष एवं उस्मान पुत्र सलीम निवासी उपरोक्त उम्र 22 वर्ष की मृत्यु हो चुकी थी एवं परवेज का इलाज कपूर हॉपिटल मंगलौर में चल रहा है जो डॉक्टर के मुताबिक अब खतरे से बाहर है।

जनपद अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा शूरवीर सिंह के साहसिक कार्य पर शाबाशी देते हुए पीठ थपथपाई है। 2001 बैच के 46 वर्षीय हरिद्वार पुलिस के जांबाज जवान शूरवीर सिंह की चर्चा आज पूरे जनपद में रही क्योंकि मौके पर जब उस जहरीले "मौत के कुएं" में जाने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहा था तो ऐसे में हेड कांस्टेबल शूरवीर सिंह द्वारा हिम्मत दिखाते हुए गड्ढे के अंदर जाकर सबसे पहले तीनों व्यक्तियों को चेक करने पर जिसकी सांसे चल रही थीं उसको स्थानीय लोगों की मदद से "सबसे पहले" रस्सी की मदद से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया, जो अब खतरे से बाहर है। हालांकि ऐसा करते हुए जहरीली गैसों के प्रभाव के कारण शूरवीर सिंह की स्थिति भी खराब हो गई थी उनको चक्कर आने लगे थे और दिखना भी कम हो गया था। लेकिन जैसे तैसे खांसते हुए बाहर आकर उन्होंने बताया और एक व्यक्ति "परवेज" की जान बच सकी।

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