उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में एक प्रधान को तीसरी संतान पैदा करना भारी पड़ गया है। यूँ तो घर में तीसरी संतान की खुशखबरी आई परन्तु खुशखबरी आते ही हरिद्वार की नगला कुर्द की ग्राम प्रधान रेशमा की कुर्सी चली गई। जिलाधिकारी ने जाँच के बाद ग्राम प्रधान को हटाने के आदेश दिए हैं।
बता दें, मामला बहादराबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला खुर्द का है। जहां ग्राम पंचायत के अलीजान ने ग्राम प्रधान रेशमा के खिलाफ जांच की मांग की थी। डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने तहसीलदार व खंड विकास अधिकारी बहदराबाद को जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट के आधार पर उप जिलाधिकारी हरिद्वार ने ग्राम प्रधान को अयोग्य घोषित कर दिया था।
प्रधान ने इसे आदेश के विरुद्ध मुख्य विकास अधिकारी से अपील की थी। जिस पर फिर जांच हुई। जानकारी के अनुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास की जांच के बाद ग्राम प्रधान को एक हफ्ते में कारण बताओ नोटिस दिया गया पर जवाब नहीं मिला।
जिसके बाद हरिद्वार के डीएम की ओर से ग्राम प्रधान रेशमा को पद से हटाने के आदेश दे दिए गए हैं। बताते चलें प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के लिए दो बच्चों की बाध्यता है। तीसरी संतान होने पर प्रतिनिधि को अयोग्य माना जाता है।