उत्तर नारी डेस्क
मुकाबले पर गौर करें तो मेंस सिंगल्स बैडमिंटन क्वार्टर फाइनल में भारत के लक्ष्य को चाउ टीएन चेन के खिलाफ पहले में हार का सामना करना पड़ा। चाउ टीएन चेन ने पहला गेम 21-19 से अपने नाम किया। हालांकि, लक्ष्य से पहले गेम में चाउ टीएन चेन को कड़ी टक्कर दी थी। दूसरे गेम में लक्ष्य सेन की शानदार वापसी हुई है। उन्होंने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के चोउ टीएन चेन के खिलाफ गेम 2 (21-15) जीतकर स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया। तीसरे सेट में लक्ष्य ने 21-12 से जीत हासिल की और इतिहास रच दिया। अब सेमीफाइनल में उनका मुकाबला सिंगापुर के लोह कीन यू और डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के बीच होने वाले क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा।
बता दें, पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाले लक्ष्य सेन उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर के ग्राम रस्यारा निवासी हैं। 16 अगस्त 2001 में जन्मे लक्ष्य सेन के परिवार में हमेशा से ही बैडमिंटन की रगों में दौड़ रही है। उनके दादा चंद्र लाल सेन अल्मोड़ा में बैडमिंटन खेल की पहचान दिलाने वाले पहले व्यक्ति थे, जबकि उनके पिता डी. के. सेन उनके कोच हैं। उन्होंने 2022 के राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीता था। लक्ष्य सेन ने 2022 में आयोजित हुए एशियाई खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था। वहीं, 2021 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतते हुए भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई। अब पेरिस ओलंपिक में लक्ष्य सेन ने चीनी ताइपे खिलाड़ी चाउ टिएन चेन को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बनकर इतिहास रच दिया है।