उत्तर नारी डेस्क
मौसम विभाग ने बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून और नैनीताल सहित अन्य जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तरकाशी, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। लगातार बारिश के बावजूद उमस भरी गर्मी ने बहाल किया हुआ है। बारिश थमते ही गर्मी अपना प्रकोप दिखाने लगती है। इन दिनों बारिश का क्रम धीमा पड़ने के चलते तापमान बढ़ रहा है। देहरादून से लेकर हरिद्वार तक इसी प्रकार के हालात बने हुए हैं।आसमान में बादलों के बाद भी लोगों को उमस जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के तमाम इलाकों में तेज बारिश के बाद अचानक मौसम बदल जाने से गर्मी और उमस जैसी स्थिति बनती दिख रही है।
वहीं बीते दिनों के तुलनात्मक उत्तराखंड में मौसम का मिजाज मिला-जुला बना हुआ है। पर्वतीय इलाकों में जहां लगातार बारिश से मौसम सुहाना बना हुआ है वही मैदानी इलाकों में आसमान में बदल छाने के साथ ही दिन में उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले 24 घंटे के भीतर पिथौरागढ़ ,देहरादून ,नैनीताल , अल्मोड़ा, टिहरी और पौड़ी जिले के तमाम इलाकों में अच्छी बारिश रिकार्ड की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज भी राज्य के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है वहीं आठ जिलों में तेज बारिश को लेकर येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि आज 5 अगस्त सोमवार को राज्य के पर्वतीय जनपदों में तेज बारिश जबकि मैदानी इलाकों में आंशिक बादल के साथ ही मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
जबकि 6 अगस्त मंगलवार को चंपावत और बागेश्वर जिले में भारी बारिश की संभावना है वहीं 7 अगस्त को देहरादून, नैनीताल , बागेश्वर , चंपावत में भारी बारिश सहित प्रदेश के सभी जनपदों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक राज सोमवार 5 अगस्त को उत्तराखंड राज्य के देहरादून , रुद्रप्रयाग ,बागेश्वर उत्तरकाशी ,चमोली ,पौड़ी ,अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ तेज बारिश की संभावना है जबकि नैनीताल ,टिहरी और चंपावत जिले में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने इन सभी जिलों को येलो अलर्ट पर रखा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि राज्य में अगले चार-पांच दिन बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है उन्होंने बताया 5 और 6 अगस्त को राज्य के पर्वतीय इलाकों जबकि7 अगस्त से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश के आसार है।
वहीं दूसरी तरफ, 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ मार्ग और धाम में फंसे लोगों को निकलने का काम तेजी से चल रहा है। केदारनाथ से रविवार को 1275 यात्री और स्थानीय लोगों को पैदल और हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। चार दिनों में अब तक कुल 10, 374 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। रविवार को मौसम खराब होने के कारण सेना का एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। सोमवार को केदारनाथ से यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा।
31 जुलाई की अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। जगह-जगह रास्ता टूट गया है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें 10 जगह मार पूरी तरह छत्तीसगढ़ हो गया है। लोक निर्माण विभाग की टीम रास्ते को ठीक कर मार्ग को खुलने खोलने में जुटी हुई है। उधर सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। क्षतिग्रस्त रास्तों को सही स्थिति में लाने के लिए लगभग 1 महीने का समय लग सकता है।
सेना ने मंदाकिनी नदी पर अस्थाई ट्रॉली लगा दी है और वैकल्पिक पुल का निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग के श्रमिक रास्ते को बनाने में जुटे हुए हैं। गौरीकुंड से छोड़ी मार्ग तक बोल्डर आने से कुछ जगह आशिक और कुछ जगह पर काफी नुकसान पहुंचा है। चीरबासा के पास सड़क टूट गई हुई।
जंगल चट्टी में दो जगह पर मार्ग पूरी तरह से नष्ट हो गया है। कुबेर ग्लेशियर के पास भी रास्ता पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग मार्ग को भी नुकसान पहुंचा है। जिसे ठीक करने का काम चल रहा है। वही मशीन पहुंचने पर पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग सहित अन्य विकल्पों को भी देखा जा रहा है। सेना के डॉग्स स्क्वायड ने प्रभावित क्षेत्र में लोगों को तलाश में किए अभियान शुरू कर दिया है।बताया जा रहा है कि अतिवृष्टि के दौरान कुछ लोग जंगल की तरफ भागे थे। आशंका है कि इनमें से कुछ रास्ता भटक गए जिनकी खोज की जा रही है।