उत्तर नारी डेस्क
बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला किसी अलग पहचान की मोहताज नहीं हैं। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वालीं उर्वशी रौतेला की आए दिन एक न एक तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में सामने आती रहती है। इस बीच 31 जुलाई को उर्वशी रौतेला ने पेरिस ओलंपिक की अपनी रील और तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया। जिसके बाद से वह मुसीबत में फंस गई और उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी है।
बता दें, एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला पेरिस ओलंपिक देखने के लिए मदर मैरी की ड्रेस पहनकर गई थी। ऐसे में एक्ट्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर उस खास ड्रेस में अपनी रील और तस्वीरें पोस्ट की थी और घोषणा की थी कि वह ‘पेरिस ओलंपिक 2024 में आधिकारिक तौर पर आमंत्रित की जाने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री हैं। वहीं, जब कैथोलिक समुदाय के लोगों ने उर्वशी को मदर मैरी की फोटो वाली ड्रेस पहने हुए देखा तो उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो गई। जिसके कारण उन्होंने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत उर्वशी रौतेला की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की हैं।
वॉचडॉग फाउंडेशन समूह ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (गृह) सहित अभिनेत्री पर उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। उर्वशी ने कहा कि उन्हें इस गलती के लिए खेद है और उन्होंने कैथोलिक समुदाय से उन्हें माफ करने के लिए कहा है। अभिनेत्री के प्रवक्ता ने कहा, "हम माफी मांगते हैं। हमें वाकई खेद है।" ड्रेस पेरिस में बनी थी और डिजाइनर ने उन्हें दी थी। हमें नहीं पता था कि ड्रेस पर बनी इमेज मदर मैरी की थी। यह एक गलती थी। हमें बाद में पता चला। हम क्या कर सकते थे?"
बता दें कि वॉचडॉग फाउंडेशन ने अपने पत्र में लिखा,' पेरिस ओलंपिक के दौरान, उर्वशी रौतेला को होटल से मदर मैरी की फोटो वाली स्कर्ट पहने हुए देखा गया था। फैशन की आड़ में इस ड्रेस ने ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं का घोर अपमान किया है। कला या फैशन के बहाने ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। "हमारे धार्मिक प्रतीकों के प्रति लगातार हो रही अवहेलना बेहद परेशान करने वाली है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। हम ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत उर्वशी रौतेला की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं। यह जरूरी है कि ऐसी हरकतें दोबारा न हों और हमारे धार्मिक विश्वासों के और अधिक अपमान को रोकने के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए।"