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फीस माफ कराने के लिए रचा बच्चों के अपहरण का नाटक, पुलिस ने किया खुलासा

उत्तर नारी डेस्क 

स्कूल की फीस माफ कराने के लिए एक कारोबारी ने अपने ही दो बच्चों के अपहरण की फर्जी कहानी रच दी। उसने थाने पहुंचकर न सिर्फ इसकी सूचना दी बल्कि अपहरण का मुकदमा भी दर्ज करा दिया। एसएसपी ने कई टीमें गठित कर बच्चों की तलाश के निर्देश दिए। सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर कुछ ही घंटों में बच्चे अपनी बुआ के घर मिल गए।

बता दें, 14 सितंबर को धनपुरा थाना पथरी निवासी मुनव्वर पुत्र रियासत ने थाना पथरी पर आकर प्रार्थनापत्र के माध्यम से घर से स्कूल गए अपने दो नाबालिक बच्चों (क्रमशः 14 व 11 वर्ष) का अज्ञात शख्स द्वारा अपहरण करने की शिकायती दी। नाबालिक बच्चों से जुड़े गंभीर प्रकरण पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर सीनियर पुलिस ऑफिसर्स को जानकारी दी गई। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा बच्चों की जल्द से जल्द बरामदगी के संबंध में दिए गए कड़े निर्देश पर टीमें गठित कर बच्चों की तलाश शुरु की गई। स्कूल के आसपास से सुराग जुटाते हुए पुलिस टीम ग्राम बसेड़ी पहुंची तो दोनों गुमशुदा बच्चे अपनी बुआ के घर पर सुरक्षित मिले। 

वादी मुकदमा के दोनों बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं जहां करीब एक लाख रुपये फीस जमा न होने पर स्कूल प्रबंधन बच्चों से फीस लेकर आने के लिए कह रहा था। इस बीच मुनव्वर के दिमाग में खुराफाती विचार आया और उसने स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाकर फीस माफ कराने के लिए अपने बच्चों के अपहरण का सारा नाटक रच दिया। मुनव्वर ने ठोस प्लानिंग के तहत पथरी पुलिस पर सहयोग न करने के आरोप लगाते हुए एसएसपी ऑफिस में गुहार लगाने की भी बात कही थी लेकिन हरिद्वार पुलिस की दक्षता के चलते सारा सच सामने आ गया।

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