उत्तर नारी डेस्क
कोषागार से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनर और पारिवारिक पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है। पेंशन पुनरीक्षण (रिविजन) में समय सीमा की बाध्यता को समाप्त दिया गया है। ऐसे में वे राज्य सरकार के पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर जो अब तक पेंशन पुनरीक्षण नहीं करा पाये है, वे अपने विभाग के माध्यम से पेंशन पुनरीक्षण फॉर्म कोषाधिकारी/उप कोषाधिकारी को भेज सकेंगे।
निदेशक, कोषागार, पेंशन एवं हकदारी, उत्तराखण्ड दिनेश चन्द्र लोहनी ने बताया कि 2018 के शासनादेश के अनुसार एक जनवरी 2016 से पूर्व के राज्य सरकार के पेंशनर/पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन/पारिवारिक पेंशन का पुनरीक्षण सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में किया जाना था। जिसे डीडीओ द्वारा ऑनलाइन तैयार कर प्रामाणित करते हुए कोषागार भेजा जाना था। इसकी अंतिम तिथि को 31 मार्च, 2019 थी।
पेंशन पुनरीक्षण फार्म को कोषागार में उपलब्ध कराए जाने की अंतिम तिथि को 30 सितम्बर, 2023 तक विस्तारित किया था। इधर, 03 सितंबर, 2024 को शासन ने पत्र जारी कर पेंशन पुनरीक्षण की समय सीमा की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। जिनकी पेंशन पुनरीक्षण की कार्यवाही नहीं हो पाई है, वे विभाग के माध्यम से फार्म संबंधित कोषाधिकारी/उपकोषाधिकारी कार्यालय में दे सकते हैं।