उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ है। पौड़ी में डाक विभाग की विभागीय जांच में चार नवनियुक्त डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। दो डाक सेवक उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के निवासी हैं, जबकि मध्य प्रदेश के दो अन्य डाक सेवक जांच का नाम सुनकर गायब हो गए हैं। विभाग ने इन चारों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है।
पौड़ी के डाक विभाग को ग्रामीण डाक सेवक के पद पर चयनित 165 डाक सेवक मिले थे, जिनमें से 77 ने पौड़ी मुख्यालय में आमद कराई। हालांकि, कई नवनियुक्त डाक सेवकों की हिंदी लेखन कौशल भी कमजोर पाई गई, जबकि उनके शैक्षणिक दस्तावेजों में अंक 96-97 प्रतिशत दर्शाए गए थे।
जांच में पाया गया कि अनिल कुमार, जो 2014 में यूपी बोर्ड से 10वीं की परीक्षा 97 फीसदी अंकों से पास हुआ था, का अंकपत्र किसी अन्य छात्र का है। इसी तरह, अंकुर यादव का अंकपत्र भी फर्जी साबित हुआ, जिसमें दर्ज रोल नंबर एक फेल छात्र का था।
मध्य प्रदेश के दो डाक सेवक, पंकज और उदय, ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे, लेकिन जब उन्हें दस्तावेजों की जांच की बात कही गई, तो वे बिना ज्वाइनिंग दिए लौट गए।
डाक अधीक्षक दीपक शर्मा ने बताया कि जुलाई 2023 में 98 डाक सेवक पौड़ी डाक विभाग में नियुक्त किए गए थे, जिनकी शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच चल रही है। विभाग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है और सभी फर्जी दस्तावेज वाले डाक सेवकों की नियुक्ति निरस्त कर दी है।