उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड परिवहन निगम संयुक्त मोर्चा ने आगामी 22 अक्टूबर की 12 बजे रात से 48 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के संयोजक अशोक चौधरी ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा परिवहन निगम के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसके विरुद्ध तीन मांगों को लेकर सांकेतिक कार्य बहिष्कार करने करने जा रहा है। पहला तो जब निगम का गठन हुआ था तो 7100 नियमित कर्मचारी थे और 3000 के करीब कर्मचारी कॉन्टेक्ट के आधार पर हैं जो 17 से 18 साल से काम कर रहे हैं उन्हे नियमित किया जाए। दूसरा बसों की संख्या में लगातार कमी आई है उन्हे दूर किया जाए और वर्तमान में 300 वैध बसें है और 130 बसें पाइपलाइन में है इसकी कमी को दूर किया जाए। इसके साथ ही रोडवेज के अधिसूचित मार्गों पर सरकार द्वारा जो प्राइवेट बसों को परमिट देने की जो अधिसूचना जारी की गई उसे दूर किया जाए। इस बार के कार्य बहिष्कार से सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो 5 नवंबर से पूरे प्रदेश में अनिश्चित काल के लिए कार्य बहिष्कार किया जाएगा।