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CM योगी एवं CM धामी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर का नव निर्माण, सौंदर्यकारण कार्य का किया लोकार्पण

उत्तर नारी डेस्क


उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर का नव निर्माण, सौंदर्यीकरण कार्य एंव ग्राम पंचुर बारात घर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ संवाद किया एवं विद्यालय का अवलोकन भी किया। इस दौरान आईजीएल (इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड) की वार्षिक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। दोनों मुख्यमंत्रियों ने राजकीय जूनियर हाई स्कूल कांडी व राजकीय प्राथमिक विद्यालय विथ्याणी में भी जाकर विद्यालय का लोकार्पण किया और स्कूल के बच्चों के साथ बातचीत कर विद्यालय का अवलोकन भी किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर में 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उन्होंने कहा अपने विद्यालय में आकर उन्हें अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। विद्यालय अब एक नए स्वरूप और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होकर दिख रहा है। पिछले एक वर्ष में यहां कई महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित की गई हैं, जो सराहनीय हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि आईजीएल (इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड) द्वारा स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक लैब, वॉशरूम और वर्चुअल क्लास जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। पहले इतने संसाधन उपलब्ध नहीं थे, लेकिन आज टेक्नोलॉजी के प्रभावी उपयोग से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव आ रहे हैं। यदि सरकार के पास स्पष्ट विजन हो और समाज उसमें सक्रिय भागीदारी करे, तो किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति संभव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले सीमित संसाधनों के बावजूद, गुरुजनों ने अनुशासन और समर्पण से उत्कृष्ट कार्य किए हैं। विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाल सभाएं, खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती थीं, जिनका सकारात्मक प्रभाव विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण पर पड़ता था। उस समय के विद्यार्थी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आगे बढ़े और सफल हुए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सरकार के साथ निजी संस्थाएं भी शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग कर रही हैं और क्षेत्र के विद्यालयों के विकास में योगदान दे रही हैं। सरकार और समाज मिलकर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कार्य कर रहे हैं, जिससे सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प हो रहा है। अब शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे इन संसाधनों का सदुपयोग कर बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा पहले शिक्षक के हाथ में छड़ी होती थी, लेकिन अभिभावक कभी नाराज नहीं होते थे, क्योंकि वे जानते थे कि शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं। शिक्षक न केवल विद्यार्थियों के घर तक पहुंचते थे, बल्कि उन्हें देश और दुनिया की नवीनतम घटनाओं से भी अवगत करवाते थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं होती, बल्कि इसमें समाज की भी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। जब समाज शिक्षा को प्राथमिकता देगा और उसमें योगदान देगा, तभी बेहतर और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकेगी।

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