Uttarnari header

uttarnari

उत्तराखण्ड से तीन हस्तियों को मिला पद्ममश्री सम्मान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

उत्तर नारी डेस्क  


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में बीते मंगलवार को उत्तराखण्ड की तीन हस्तियों को पद्ममश्री से सम्मानित किया है। जिनमे राधा भट्ट को सामाजिक कार्य, ह्यूग गैंट्ज़र और कोलीन गैंट्ज़र (मरणोपरांत) को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।


उत्तराखण्ड की 91 वर्षीय राधा भट्ट पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 

आपको बता दें, कि 18 साल की उम्र में घर छोड़कर समाजसेवा में जीवन अर्पित करने वाली राधा बहन भट्ट को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राधा बहन का जन्म 16 अक्तूबर 1933 में अल्मोड़ा जिले के धुरका गांव में कमलापति और रेवती भट्ट के घर में हुआ था। वह युवावस्था में घर छोड़ कर वह कौसानी आ गईं थीं। 

यहां उन्होंने बालिका शिक्षा देने और उन्हें जीवन जीने की कला सिखाने पर कार्य किया। वर्ष 1957 में भूदान आंदोलन के साथ उनकी पदयात्रा शुरू हुई। बालिका शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, जल, जंगल, जमीन, ग्राम स्वराज, शराब आंदोलन, युवा महिला सशक्तीकरण, सर्वोदय आंदोलनों में उन्होंने बढ़ चढ़कर भागीदारी की। वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिष्या सरला बहन के कार्यों से प्रभावित होकर उनकी अनुयायी बनीं। उन्होंने वर्ष 975 में सरला बहन के 75वें जन्मदिन पर पद यात्रा शुरू की।

5 दिनों की लंबी यात्रा में वन संरक्षण, चिपको आंदोलन, शराब विरोध, ग्राम स्वराज की स्थापना के लिए लोगों को जागरूक किया। 1976 में देवीधूरा ब्लॉक से 65 गांवों की पदयात्रा की। इस दौरान उन्होंने 40 बालवाड़ी, 30 महिला संगठन, 12 गांव के लोगों को कृषि के लिए प्रेरित किया। 1980 में उन्होंने खनन के खिलाफ आवाज उठाई। 2006 से 2010 तक प्रदेश के हिमालय और नदियों का सर्वेक्षण करते हुए हाइड्रो पावर परियोजनाओं का विरोध किया। समाजसेवा के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। वह जमनालाल बजाज पुरस्कार, गोदावरी पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार (भारत सरकार) (पर्यावरण), मुनि संतबल पुरस्कार और स्वामी राम मानवतावादी पुरस्कार सम्मानित हो चुकी हैं।


ह्यूग गैंट्ज़र व उनकी पत्नी स्व. कोलीन गैंट्ज़र पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 

पदमश्री से सम्मानित ह्यूग गैंट्ज़र व उनकी पत्नी स्व. कोलीन गैंट्ज़र की उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध यात्रा वृतांत लेखक के तौर पर पहचान है। ह्यूग भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और कमांडर के पद से सेवानिवृत्त हुए। भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के उपरांत ह्यूग व उनकी पत्नी ने यात्रा वृतांत लेखन की विशिष्ट शैली की शुरुआत की। उन्होंने 3,000 से अधिक लेख, कॉलम और पत्रिका फीचर्स लिखे हैं और 30 से अधिक पुस्तकें लिखीं। कोलीन गैंट्ज़र, जिनका पिछले वर्ष 6 नवम्बर को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया था, को यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया है। ह्यूग और कोलीन का समर्पण उनकी 30 से अधिक पुस्तकों, हजारों लेखों और दूरदर्शन पर प्रसारित 52 वृत्तचित्रों में परिलक्षित होता है।

एक टीम के रूप में, उनके साहस की भावना अटूट रही। उन्हें प्रशंसाओं से सम्मानित किया गया है और कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं जैसे कि पैसिफिक एशिया ट्रैवल एसोसिएशन से गोल्ड अवार्ड और नेशनल टूरिज्म लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड आदि। दोनों इंडियन एक्सप्रेस और द हिंदू में नियमित रूप से लेख लिखते थे। उन्होंने ट्रैवल बिज़ मॉनिटर, हॉस्पिटैलिटी बिज़ और गढ़वाल पोस्ट के लिए भी शुरुआत से ही लिखा। उनके सामूहिक काम ने पाठकों में घूमने की ललक पैदा की और उन्हें यात्रा लेखन की दुनिया में एक अग्रणी के रूप में याद किया जाएगा।

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा नागरिक अलंकरण समारोह में उत्तराखण्ड की सुश्री राधा भट्ट को सामाजिक कार्य, ह्यूग गैंट्ज़र और श्रीमती कोलीन गैंट्ज़र (मरणोपरांत) को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे राज्य का भी सम्मान बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सुदूर इलाके में जन्मी पद्म श्री से सम्मानित होने वाली सुश्री राधा भट्ट का पर्यावरण एवं समाज सेवा के साथ महिला शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है। वह हिमालय सेवा संघ, नई दिल्ली की अध्यक्ष होने के नाते कई गांधीवादी संस्थाओं से जुड़ी रही हैं तथा उन्हें अनेक प्रतिष्ठित पुरुस्कारों से पूर्व में भी सम्मानित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पद्म श्री से सम्मानित ह्यूग गैंट्ज़र को उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध यात्रा वृतांत लेखक बताते हुए कहा कि उनके यात्रा वृतान्तों से भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में लेख लिखने के लिए लोग प्रेरित हुए, जबकि स्व. श्रीमती कोलीन गैंट्ज़र ने 3,000 से अधिक लेख, कॉलम और पत्रिका फीचर्स लिखे हैं और 30 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने भारत में यात्रा लेखन के उच्च मानक स्थापित किए। उन्होंने अपनी लेखनी के द्वारा पाठकों के मन में देश के प्रति प्रेम को और गहरा ही नहीं किया, बल्कि कई लेखकों को प्रेरित भी किया।



Comments