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उत्तराखण्ड : केवल 2 घंटे 40 मिनट तक ही चला मानसून सत्र, 9 विधेयक पारित

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड विधान सभा का मानसून सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। विपक्ष के हंगामा के चलते सदन की कार्रवाई 2 दिन भी नहीं चल पाई, हालांकि सरकार ने 5000 करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट और 9 विधेयक भी पास किए, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण विधायक अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक रहा। इसके अलावा सदन में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल में भी संशोधन किया गया है। 

कांग्रेस विधायकों के रवैया पर भाजपा विधायको और मंत्रियों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है।भाजपा विधायकों का कहना है कि विपक्ष के हंगामा के चलते सदन की कार्रवाई नहीं चल पाई इससे जनहित के मुद्दे सदन में नहीं उठे। हालांकि बीजेपी के सभी विधायक और मंत्रियों ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अल्पसंख्यक शिक्षा विधायक पास होने पर खुशी जाहिर की है उनका कहना है कि इससे अल्पसंख्यक बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

2 दिनों तक सदन की करवाई कुल 2 घंटे 40 मिनट ही चल पाई ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने भी विपक्ष के इस आचरण पर नाराजगी जाहिर की है। रितु खंडूरी ने कहा कि विपक्ष को सदन की कार्रवाई चलाने में सहयोग देना चाहिए था लेकिन विपक्ष कल से ही लगातार हंगामा कर रहा है इसे सदन की कार्रवाई नहीं चल पाई।


ये होगा विधेयक में खास:-

अभी तक अल्पसंख्यक संस्थानों की मान्यता केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित थी, वहीं मदरसा शिक्षा व्यवस्था में वर्षों से केंद्रीय छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितताएं, मिड-डे मील में गड़बड़ियां और प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी जैसी गंभीर समस्याएं सामने आई थी। इस विधेयक के लागू होने के साथ ही मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम तथा गैर-सरकारी अरबी और फारसी मदरसा मान्यता नियम 1 जुलाई 2026 से समाप्त हो जाएगा। अब सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को भी पारदर्शी मान्यता प्राप्त होगी। यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करेगा बल्कि विद्यार्थियों के हितों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। सरकार को अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों के संचालन की प्रभावी निगरानी एवं आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार प्राप्त होगा।  यह विधेयक शिक्षा को नई दिशा देने के साथ ही राज्य में शैक्षिक उत्कृष्टता और सामाजिक सद्भाव को भी और सुदृढ़ करेगा।

उत्तराखण्ड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैंण में चल रहा था। सत्र के दूसरे दिन ही विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पहले दिन यानी मंगलवार को विधानसभा में 9 विधेयक पेश किए गए जिनमें धर्मांतरण विरोधी विधेयक, अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक और 5,315 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी शामिल है। 

वहीं विपक्षी कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा किया,लेकिन उनके हंगामे के बीच बजट और विधेयक पेश किए गए। वहीं, आज सभी विधेयक पास कर दिए गए हैं। दरअसल गैरसैंण मानसून सत्र के पहले दिन सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता यशपाल आर्य और कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में कथित धांधली एवं बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 310 के तहत तत्काल चर्चा की मांग की। जिसका अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी समर्थन किया। इसके बाद सभी विपक्षी विधायक नारेबाजी करने लगे, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्षी विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने का अनुरोध किया। वहीं, विपक्षी सदस्य लगातार नारे लगाते रहे ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी नेताओं ने फिर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने विधानसभा सचिव की टेबल पलटने की कोशिश की,जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कार्यवाही को फिर स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। विपक्षी सदस्यों ने फिर से विधानसभा सचिव की मेज पलटने की कोशिश की। इतना ही नहीं उन्होंने कागज फाड़कर अध्यक्ष के आसन के सामने हवा में उछाल दिए, साथ ही माइक को उठाकर पटक दिया। इस पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही फिर स्थगित कर दी, जिसके चलते प्रश्नकाल के लिए आवंटित समय हंगामे के कारण पूरी तरह बाधित हो गया। इस तरह से सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई। सदन स्थगित होने के बाद भी नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के आसन के सामने बैठे रहे और नारे लगाते रहे। हालांकि, दिन की कार्यवाही के दौरान राज्य सरकार उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक और उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक समेत 8 विधेयक पेश करने में सफल रही। इसके साथ ही 5,315 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी पेश किया गया।

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पूर्व कांग्रेस विधायकों ने पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ विधानसभा के बाहर धरना भी दिया। वहीं, विपक्षी विधायक विधानसभा सदन से बाहर नहीं निकले। विपक्षी विधायकों ने भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के अंदर धरना देते हुए पूरी रात सदन में ही गुजार दी। वहीं, सदन में कांग्रेस के हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पास कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य सभी 9 विधेयक भी पारित हो गए हैं, जिनमें धर्मांतरण विरोधी विधेयक, अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक शामिल हैं। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक भी सदन में पारित कर दिया है। जिसके तहत गलत तरीके से लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए सजा बढ़ाई गई है।


विधानसभा में पास हुए ये सभी 9 विधेयक:-


1- उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर अधिनियम 1939) (संशोधन) अध्यादेश 2025


2- उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2025


3- समान नागरिक संहिता उत्तराखंड (संशोधन) अध्यादेश 2025


4- उत्तराखण्ड पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश 2025


5- उत्तराखण्ड ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत (स्थान-पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2025.


6- उत्तराखण्ड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक


7- उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025


8- उत्तराखण्ड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधायक 2025


9- उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण (नीरसन) विधायक

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