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शीतकाल के लिए बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट, तिथि घोषित

 उत्तर नारी डेस्क  



आज शरादीय नवरात्र पर अन्नकूट के पावन पर्व पर 11.36 पर मां गंगा के कपाट बंद होंगे। अन्नकूट पर्व पर प्रातः 11:36 मिनट अभिजीत मुहूर्त पर  विधि विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये जायेंगे। इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना होगी।

शरादीय नवरात्र के मौके पर श्री गंगोत्री पंच मंदिर समिति ने तिथि घोषित की। पांच मंदिर समित के पूर्व अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि कपाट बंद के बाद मां गंगा की डोली गंगोत्री से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना होगी। उस दिन गंगा जी की उत्सव डोली चंडी देवी मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी‌ जबकि, अगले दिन यानी 23 अक्टूबर को मां गंगा की मूर्ति मुखबा स्थित मंदिर में विराजमान होगी।

मां गंगा के पुजारी हिमांशु सेमवाल ने बताया कि मां गंगा जी के कपाट बंद होने की घोषणा आज पांच मंदिर समित ने घोषित कर दी है। शीतकाल में मां गंगा जी की पूजा अर्चना मुखवा मुखीमठ में छ माह तक शीतकालीन में की जाएगी। शरादीय नवरात्र के बाद उत्तराखंड के चार धाम  गंगोत्री - यमुनोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में विदाई की तैयारियां शुरू होने लगी है उधर यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का मूर्हत 2 अक्टूबर को विजय दशमी के मौके पर निकाला जायेगा।

बता दें कि यमुनोत्री धाम में कपाट बंद करने की परंपरा भैया दूज पर है। इस बार भैया दूज 23 अक्टूबर को है। मूहर्त निकलने के बाद यमुना की डोली लेने के लिए खरसाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंचेगी। जिसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।

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