उत्तर नारी डेस्क
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ आज ब्रह्म मुहूर्त के बाद बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इस वर्ष के अंतिम दर्शन किए। आपको बता दें, कि चतुर्थ केदार रुद्रनाथ तक पहुंचाना एक चुनौती जरूर है लेकिन जब 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद मंदिर पहुंचने हैं तो यहां पर अलग ही तरह की ऊर्जा का सृजन होता है जो आपके पूरे रास्ते भर के सभी परेशानियों को भुला देता है।
शुभ मुहूर्त में, पंच केदारों में चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ महादेव मंदिर के कपाट, शीतकाल हेतु, परम्परानुसार पूर्ण विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में, मंदिर के मुख्य पुजारी ने पूर्ण वैदिक विधि-विधान के साथ अंतिम पूजा-अर्चना संपन्न की। इस दौरान वातावरण शिव भक्तों के "जयकारों" से गूंज उठा, जिनमें अगले वर्ष फिर से यात्रा शुरू होने की आशा भरी हुई थी। कपाट बंद होने के उपरांत, भगवान रुद्रनाथ की उत्सव विग्रह डोली अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल श्री गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर के लिए रवाना हुई। अब अगले छह महीनों तक, शीतकाल के दौरान, श्रद्धालु चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर में कर सकेंगे।