उत्तर नारी डेस्क
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में मंगलवार को नगर क्षेत्र में आवारा श्वान पशुओं की बढ़ती समस्या और उससे निपटने की रणनीति पर समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आवारा श्वान पशुओं की समस्या को नियंत्रण में लाने हेतु विभागीय समन्वय के साथ प्रभावी एवं समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) केंद्र में तुरंत चिकित्सक तैनात करने और नसबंदी हेतु आवश्यक उपकरणों की खरीद जल्द से जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा को नगर निकायों के साथ मिलकर एक अभियान के तौर पर श्वानों का सर्वे कर सुगठित कार्य योजना तैयार कर उसे पशु कल्याण बोर्ड को अनुमति हेतु भेजने के निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि पशुओं के लिए ऑपरेशन थियेटर, ऑपरेशन के पश्चात देखभाल हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
उन्होंने कहा कि शहर में घूम रहे आवारा एवं पालतू दोनों तरह के श्वान पशुओं पर पहचान टैग लगाया जाए और उनका ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों से जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करते हुए निर्धारित समय-सीमा में कार्रवाई पूरी करने को कहा। साथ ही उन्होंने डॉग शेल्टर के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ करने को कहा।
साथ ही उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सिलेथ की गौशाला का निरीक्षण कर वहाँ की वर्तमान व्यवस्थाओं का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पशुओं की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम और शव निस्तारण की प्रक्रिया मानक नियमों के अनुसार ही की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। निराश्रित गौवंश के मुद्दे पर उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे स्थानों पर कैटल कैचर वैन द्वारा शिफ्टिंग की कार्रवाई की जाय।
बैठक में सहायक नगर आयुक्त श्रीनगर रवि राज बंगारी, कोटद्वार अजय अष्टवाल, प्रभारी ईओ पौड़ी गायत्री बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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