उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में मतदाता सूची सुधार की प्रक्रिया एक बार फिर तेज होने वाली है। चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) दिसंबर या जनवरी से राज्य में शुरू किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत दूसरे राज्यों से विवाह कर उत्तराखण्ड आईं महिलाओं को अपने मायके से जरूरी दस्तावेज जुटाने होंगे, ताकि उनका नाम उत्तराखण्ड की मतदाता सूची में सुरक्षित रह सके।
क्या है नया नियम?
निर्वाचन विभाग के अनुसार, उत्तराखण्ड में दिसंबर या जनवरी महीने से एसआईआर (SIR) अभियान शुरू होने जा रहा है। इस अभियान के तहत दस्तावेजों की बारीकी से जांच होगी। जो महिलाएं 2003 के बाद दूसरे राज्यों (जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि) से शादी करके उत्तराखण्ड आई हैं, उन्हें अपनी पहचान साबित करनी होगी। इसके लिए उन्हें अपने गृह राज्य की 2003 की वोटर लिस्ट में अपना नाम दिखाना होगा।
अगर 2003 में वोट नहीं था तो क्या करें?
यह सवाल कई महिलाओं के मन में होगा कि अगर 2003 में उनकी उम्र 18 साल नहीं थी, तो वे क्या करें? आयोग ने इसका भी समाधान दिया है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को अपने माता-पिता (Parents) के वोट की जानकारी एसआईआर फॉर्म में देनी होगी। इसका मतलब है कि उन्हें अपने माता-पिता का नाम उस राज्य की 2003 की वोटर लिस्ट में दिखाना होगा।
पहले से तैयार रखें दस्तावेज
मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखण्ड ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची वेबसाइट पर जारी कर दी है। अन्य राज्यों ने भी अपनी पुरानी सूचियां ऑनलाइन उपलब्ध कराई हैं। चूंकि एसआईआर जल्द शुरू होने वाला है, इसलिए लोगों को सलाह दी गई है कि वे समय रहते अपने मायके से संपर्क कर ये दस्तावेज मंगवा लें या ऑनलाइन डाउनलोड कर लें।
अभी करा सकते हैं सुधार
राहत की बात यह है कि अभी उत्तराखण्ड की मतदाता सूची ‘फ्रीज’ नहीं हुई है। इसका मतलब है कि अगर आपके नाम, पते या उम्र में कोई गलती है, तो आप उसे अभी ठीक करवा सकते हैं। एक बार एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सख्ती बढ़ जाएगी। इसलिए, अपने दस्तावेजों को पहले ही दुरुस्त कर लेना समझदारी होगी।

