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उत्तराखण्ड : पहाड़ों में भालूओं का आतंक

उत्तर नारी डेस्क  

उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन जंगली जानवरों द्वारा ग्रामीणों पर हमले की दुखद ख़बर सुनने को मिल रही है। वहीं अब ख़बर विकासखंड पोखरी क्षेत्र से सामने आ रही है। पोखरी क्षेत्र के सरणाचांई, चरपाणी, सौड़ामंगरा में तीन भालुओ का दल घूमने से लोगो का जीना दुस्वार बना हुआ है। सरणा के ग्राम प्रधान केसर सिंह ने बताया कि उनके गांव सरणाचांई से लेकर चरपाणी तक तीन भालुओ की टोली घूमती देखी गयी है। 

ग्रामीणो के शोर शराबा से भालू पेड़ पर चढ़कर छिपने का प्रयास कर रहे है, जो कि तब तक कैमरे में कैद हो गये। सौड़ामंगरा के सामाजिक कार्यकर्ता रणबीर नेगी, व बीणा गांव के कपिल बर्त्वाल ने कहा कि  भालुओ का सख्त खतरा बना है। उन्होने कहा कि वन विभाग की टीम भी  गाड़ी का हूटर बजाकर व स्पीकर से घूम-घूम कर ग्रामीणो को सतर्क कर रहे। लेकिन उनके पास भी इस व्यवस्था के अलावा भालुओ को मारने के आदेश नही है। कहा कि  ग्रामीण कनस्तर व थालियां व आतिशबाजी  कर भालुओ से अपनी सुरक्षा कर रहे है। 

उधर  सिमलासू के ग्राम  प्रधान उत्तम सिंह ने कहा कि  गांव के पास जंगल में  भालुओ के देखा और ग्रामीणो ने शोर शराबा कर भगाया। कहा कि भालू दो बच्चो के साथ में चल रहा है।वन विभाग के फॉरेस्टर वीरेन्द्र सिंह व मोहन सिंह ने बताया कि वे क्षेत्र में लोगो को सतर्क कर रहे है, और जहां से जिस गांव से भी भालू की सूचना मिल रही है,वहां पहुंच रहे है।


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