उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने देशभर में फैले “डिजिटल अरेस्ट स्कैम” का भंडाफोड़ करते हुए लगभग 87 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का खुलासा किया है। टीम ने इस मामले में गिरोह के मुख्य आरोपी किरण कुमार (31 वर्ष) को बैंगलुरु से गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने खुद को सीबीआई, मुंबई साइबर क्राइम और टेलीकॉम विभाग के अधिकारी बताकर देहरादून और नैनीताल के दो पीड़ितों को “डिजिटली अरेस्ट” किया था। व्हाट्सएप वीडियो कॉल के ज़रिए उन्हें 48 घंटे तक धमकाकर अलग-अलग खातों में कुल 87 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए गए। मुख्य आरोपी के खाते में संदिग्ध 9 करोड़ रुपये के लेनदेन पाए गए हैं, जिन पर देशभर के विभिन्न राज्यों से 24 शिकायतें दर्ज हैं। जांच में आरोपी के पास से तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, कई बैंक चेकबुक और सिम कार्ड बरामद किए गए।
एसटीएफ ने बताया कि आरोपी राजेश्वरी जीएके एंटरप्राइज नामक फर्म के माध्यम से धनराशि प्राप्त करता था। गिरोह द्वारा फर्जी पहचान बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स केस या फर्जी पासपोर्ट जैसे मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती थी और आरबीआई जांच के नाम पर पैसा ट्रांसफर कराया जाता था।
एसटीएफ प्रमुख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान वीडियो कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी न दें। कोई एजेंसी ऑनलाइन गिरफ्तार नहीं करती। संदिग्ध कॉल या ठगी के मामलों में तत्काल 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।

