उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में इस बार कड़ाके की ठंड और भारी शीतलहर का अनुमान है।मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बाद सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है।आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को अभी से तैयारी पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में संभावित भारी शीत ऋतु को देखते हुए सरकार ने व्यवस्थाएँ सख़्ती से दुरुस्त करनी शुरू कर दी हैं। सीएम धामी के निर्देशों पर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जिला अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर कोल्ड वेव एक्शन प्लान जल्द तैयार करने और उसे राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजने को कहा है।
इसके साथ ही सचिव ने सभी जनपदों को फरवरी 2026 तक खाद्यान्न, पेयजल और ईंधन का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने को कहा है साथ ही आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं ठंड के दौरान बाधित न हों, इसके लिए डॉक्टरों की सूची, उनके संपर्क नंबर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए।
अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवाओं को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। रात में जहां आवाजाही अधिक होती है, उन स्थानों पर प्रशासन की ओर से अलाव की अनिवार्य व्यवस्था की जाएगी। रैन बसेरों में जरूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। बेसहारा पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पशुपालन विभाग के साथ मिलकर विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी।साथ ही आम लोगों को शीतलहर से बचाव के लिए पब्लिक अनाउंसमेंट के जरिए जागरूक किया जाएगा।
वही सचिव आपदा ने बताया कि 23 दिसंबर को शीतलहर पर राज्य स्तरीय कार्यशाला भी प्रस्तावित की गई है, जिसमें सभी जनपदों से विस्तृत चर्चा की जाएगी और भविष्य की जरूरतों पर भी विचार होगा। सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि जिलों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है और यदि किसी जिले को अतिरिक्त फंड की जरूरत होगी तो उसे तत्काल जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि धनराशि की हर मांग पर बिना देरी के स्वीकृति दी जाए। उत्तराखंड में ठंड जैसे-जैसे बढ़ रही है, प्रशासनिक तैयारियाँ भी उतनी ही तेज हो रही हैं। शीतलहर से निपटने की इन तैयारियों का कितना असर दिखेगा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।

